केशर , अगरु, कस्तूरी, इलायची, देवदारु आदि को अलग-अलग या एक साथ बारीक पीस लें। इसका लेप करने से ठंड कम होती है। यह लेप सिरदर्द और थकान दूर करने के लिए भी अच्छा माना जाता है। केसर के प्रयोग से गैस या एसिडिटी की समस्या कम रहती है और पाचन शक्ति मजबूत होती है।
केसर में एंटी इंफ्लैमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और रेडिकल को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। इससे यह पेप्टिक अल्सर और अल्सरेटिव कोलाइटिस को दूर कर हमारे शरीर की रोगों से सुरक्षा करता है। केसर में पाचन क्षमता को मजबूत बनाने के गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा केसर डाइजेशन संबंधी बीमारियों के इलाज में भी काफी प्रभावी है।
जोड़ों के दर्द के कारण कई बार बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी में चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। इस परेशानी में केसर हमारे लिए फायदेमंद हो सकती है। केसर के पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाएं। इससे जोड़ों के दर्द में आराम महसूस होगा।
केसर में एंटीइंफ्लैमेटरी गुण पाए जाते हंै जिससे यह शरीर की सूजन को दूर करने में बहुत प्रभावी होती है। इसके अलावा यह किडनी संबंधी परेशानी में भी फायदेमंद होती है। केसर कोशिकाओं की मरम्मत कर नई कोशिकाओं के निर्माण और ब्लड के प्रवाह को भी ठीक रखती है। यही नहीं केसर बुखार और दांत के दर्द में भी राहत प्रदान करती है।
केसर में क्रोसिन नामक यौगिक पाया जाता है जो कोलोरेक्टल कैंसर सेल को बढऩे से रोकता है। यह स्किन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से भी सुरक्षा करता है। केसर में कैरोटीनॉयड पाया जाता है जो कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। केसर में मौजूद क्रोसिन ब्रेस्ट कैंसर और ल्यूकेमिया के खतरे को कम करता है।
केसर त्वचा को निखारने और सुंदर बनाने की खूबी रखती है। महिलाएं अगर केसर का सही तरीके से और सही मात्रा में सेवन करें तो उनकी त्वचा स्वस्थ ही नहीं बल्कि सुंदर भी बनेगी। केसर में मौजूद एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरिया गुण त्वचा में होने वाले मुहांसे और त्वचा संबंधी अन्य परेशानियों से भी हमें बचाए रखते हैं। इसलिए संतुलित मात्रा में केसर लेनी चाहिए।
केसर का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने पर यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। केसर के नुकसान से त्वचा पीली पड़ जाती है। पांच ग्राम से अधिक मात्रा में केसर का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।