हुआ यूं कि राठौड़ ने बहस के दौरान बजट को दिशाहीन बताया और कहा कि इस बजट में विजन की कमी साफ नजर आ रही है। यही नहीं उन्होंने बजट प्रावधानों को लेकर सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि 1952 के बाद पहला मौका है जब पंचायतों में प्रशासक लगाए गए हैं। पांचवें वित्त आयोग से पंचायतों को पैसा नहीं मिला इसे क्यों रोका गया। आपसी खींचतान के चक्कर में ये पैसा जारी नहीं किया गया। सरकार ने बजट में विद्युत तंत्र को मजबूत करने की बात कही, लेकिन 11 हजार करोड़ से ज्यादा विद्युत बजट कम कर दिया गया।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा उनकी बातों को गौर से सुनते रहे। जैसे ही राठौड़ ने बोलना बंद किया तो खाचरियावास खड़े हुए और कहा कि अब तो स्पष्ट हो गया कि राठौड़ साहब झूठ बोलने में नंबर वन हैं। सारे तथ्य और सारे आंकड़े झूठे हैं। इस पर राठौड़ खड़े हुए कहा कि यदि एक तथ्य झूठा साबित हुआ तो मैं सदन में दोबारा पैर नहीं रखूंगा।
रघु शर्मा से हुई नोंक-झोंक राजेंद्र राठौड़ बजट पर बोल रहे थे तो स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने उन्हें टोक दिया। इस पर दोनों के बीच नोंक—झोंक हुई। राठौड़ ने कहा मुझे किन-किन बातों पर चिंता व्यक्त करनी है इसके लिए चिकित्सा मंत्री जी मुझे आप के निर्देश की आवश्यकता नहीं है। इस पर रघु शर्मा बोले मैं तो यह बोल रहा हूं कि आपकी चिंता मेरे पर ही ज्यादा क्यों रहती है।