राठौड़ ने कहा दुर्भाग्य है कि विगत सरकार पर अवैध बजरी के खनन का आरोप लगाने वाली कांग्रेस सरकार ने 22 महीने में बजरी के वैध खनन प्रारंभ करने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की तथा पिछले बजट में विधानसभा में की गई घोषणा के अनुसार बजरी के विकल्प के लिए एमसैण्ड बनाने के लिए नीति लाने पर भी सरकार ने कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की। राठौड़ ने आरोप लगाया कि खनन बजरी माफियाओं पर अंकुश लगाने में असफल रही सरकार आम उपभोक्ता के भवन निर्माण में काम आने वाली बजरी, सैंडस्टोन, मार्बल, मेसेनरी स्टोन सहित विभिन्न खनिजों पर 20% से लेकर 60% रॉयल्टी दरें बढ़ाने की तैयारी में है।
सरेआम गुजरते हैं दर्जनों वाहन राठौड़ ने आरोप लगाया कि उच्च पदस्थ अधिकारियों के संरक्षण में राजधानी जयपुर में प्रतिदिन टोंक—सवाई माधोपुर से 800 से 1200 ट्रक अवैध बजरी व चेजा पत्थर के ओवरलोड ट्रक-ट्रोले गुजरते हैं। यह सरकार व खनन माफियाओं के बेजोड़ गठबंधन को उजागर करता है। सरकार द्वारा घोषित एमसैण्ड पॉलिसी व वैध बजरी खनन के लिए 22 माह तक कोई नीतिगत निर्णय नहीं होना सरकार की नीति और नीयत पर गंभीर सवाल खड़े करता है।