सोमवार को सीकर की खाटू श्याम जी मंदिर में अलसुबह भगदड़ मचने से 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे। इस मामले में निजी सुरक्षाकर्मियों और मंदिर प्रबंधन की बड़ी चूक और लापरवाही सामने आई थी। खाटूश्यामजी के सालाना मेले के साथ अब मासिक मेले में लगातार भक्तों का रैला बढ़ रहा है। दस साल पहले तक मासिक मेलों में रोजाना 30 हजार तक भक्त बाबा श्याम के दरबार में पहुंचते थे। लेकिन बाबा श्याम के दीदार के लिए चार सालों से मासिक मेलों में भी भक्तों की संख्या एक लाख तक पहुंचने लगी है।
खाटूश्यामजी हादसा, मंदिर कमेटी की मनमानी से हर मेले में अव्यवस्था, फिर भी सरकार नहीं दे पा रही व्यवस्था
इसका पता कलक्टर, एसपी के साथ मदिर कमेटी ओर सरकार को भी था। लेकिन किसी भी एजेंसी ने लगातार बढ़ती भक्तों के संख्या बाद भी वार्षिक मेले की तरह रूट चार्ट बनाना उचित ही नहीं समझा। प्रशासन की ओर से सालाना मेले में 40 लाख भक्तों के आने पर बैरिकेटिंग कर भक्तों को मंदिर तक पहुंचाया जाता है। इस तरह की व्यवस्था मासिक मेले में नहीं होने की वजह से अव्यवस्था बढ़ रही है। जबकि कलक्टर और एसपी ने बातचीत में माना कि रविवार और एकादशी होने की वजह से रविवार को कई गुणा भक्त खाटू पहुंचे थे।
लाला मांगेराम व रामजीद्वारा से आने वाले रास्ते पर श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक हो गई थी। भगदड़ जैसे कोई हालात नहीं थे। सुबह दर्शन के लिए प्रवेश द्वार खोले जाने पर भक्त धक्का मारते हुए मंदिर की ओर आने लगे। इसी दरिम्यान कई श्रद्धालु नीचे गिर गए और यह घटना हो गई। कमेटी मृतकों को 5-5 लाख रूपए का मुआवजा देगी।
प्रताप सिंह चौहान, ट्रस्टी, श्याम मंदिर कमेटी खाटूश्यामजी