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बेरोजगार हैं तो इस व्यवसाय से कर सकते हैं अच्छी कमाई

locationजयपुरPublished: Nov 14, 2019 04:36:56 pm

Apiculture introduction : अगर आप बेरोजगार हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है…

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बेरोजगार हैं तो इस व्यवसाय से कर सकते हैं अच्छी कमाई

जयपुर

Apiculture introduction : अगर आप बेरोजगार हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप चाहें तो बहुत कम लागत में मधुमक्खी पालन शुरू करके आसानी से आमदनी कमा सकते हैं। मधुमक्खी पालन की खास बात यह है कि इस काम को छोटे खेत के साथ ही घर की छत, मेड़ के किनारे, या फिर तालाब के किनारे आसानी से किया जा सकता है। मधुमक्खी पालन के लिए कई योजनाओं में सहायता उपलब्ध करवाने के प्रावधान भी हैं। हालांकि काफी लोग इस डर से मधुमक्खी पालन के इस काम को शुरू नहीं करते हैं कि मधुमक्खियां डंक मारती है। लेकिन अगर आप यह काम शुरू करना चाहते हैं तो आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।

लघु और सीमांत श्रेणी के किसान पंरपरागत खेती के साथ मधुमक्खी पालन शुरू करके अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं। मधुमक्खी पालन से किसानों को दोहरा फायदा होगा। एक तो शहद, मोम समेत अन्य उत्पाद बेचकर वो अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं। वहीं किसानों को मधुमक्खी पालन से दूसरा सबसे बड़ा फायदा उत्पादन बढ़ाने में मिलेगा। क्योंकि मधुमक्खियां परागण का माध्यम होती हैं और पौधों के लिए परागण की प्रक्रिया बेहद जरूरी होती है। जिन किसानों की जोत छोटी है, वह खेती बाड़ी के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के इस काम को आसानी से कर सकते हैं।

कम लागत में शुरूआत
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति मधुमक्खी पालन शुरू करना चाहता है तो शुरूआती दौर में कम लागत पर मधुमक्खियों की पांच कॉलोनियां लगाकर इस काम को शुरू कर सकता है। पांच कॉलोनी का मतलब है कि मधुमक्खी पालन के पांच बॉक्स लगाकर। एक बॉक्स में करीब चार हजार रुपए तक का खर्चा आता है तो अगर पांच बॉक्स भी काम में लेंगे तो शुरूआती लागत करीब बीस हजार रुपए तक आ सकती है। किसानों को मधुमक्खी का इंतजाम करने के लिए भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसान दिल्ली में नेशनल बी बोर्ड से प्रमाणित संस्थाओं से शुरूआती व्यवसाय के लिए मधुमक्खियों की खरीद कर सकते हैं। इतना ही नहीं, किसान उद्यान विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र के साथ अन्य स्थानों से मधुमक्खियां मंगवा सकते हैं।

एक नहीं कई फायदे
मधुमक्खी पालन से शहद के जरिए होने वाले फायदे की बात करें तो आपको बता दें कि भारत शहद उत्पादन के मामले में अभी पांचवें स्थान पर है। ऐसे में भारत में शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसी मान्यता प्राप्त से संस्थान से प्रशिक्षण लेकर भी मधुमक्खी पालन का यह व्यवसाय शुरू किया जा सकता है। आधुनिक और वैज्ञानिक विधि से मधुमक्खी पालन करने पर शुद्वता के साथ अच्छी गुणवत्ता का शहद उत्पादित किया जा सकता है।
यह मक्खी शांत स्वभाव की
आपको बता दें कि देश में चार प्रकार की मधुमक्खियों की प्रजाति पाई जाती हैं। इनमें यूरोपियन इटेलियम बी है। इस मधुमक्खी का पालन आसानी से किया जा सकता है। वजह यह है कि यह मक्खी आक्रामक नहीं होकर शांत स्वभाव की होती है। मधुमक्खियां भी एक परिवार की तरह काम करती है। इनके परिवार में एक रानी होती है वो पूरे परिवार में एक ही होती है। रानी मक्खी को उसके आकार से पहचाना जा सकता है। रानी मक्खी का आकार सामान्य मक्खियों की तुलना में बड़ा होता है।

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