scriptजनता पर मार : सस्ती Solar बिजली के लिए करना होगा इंतजार | Killing the public: will have to wait for cheap solar electricity | Patrika News

जनता पर मार : सस्ती Solar बिजली के लिए करना होगा इंतजार

locationजयपुरPublished: Nov 30, 2019 12:43:20 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

डिस्कॉम्स ने खुद की बजाय अक्षय ऊर्जा निगम को सौंप दी जिम्मेदारी

जनता पर मार : सस्ती Solar बिजली के लिए करना होगा इंतजार

जनता पर मार : सस्ती Solar बिजली के लिए करना होगा इंतजार

जयपुर। बिजली उपभोग करने वाले हर घर पर दोहरी मार पड़ेगी। कारण, जल्द ही विद्युत दर तो बढ़ जाएगी, लेकिन रूफटॉप सोलर से सस्ती बिजली लेने के लिए लोगों को कम से कम एक साल तक का इंतजार करना पड़ेगा। सरकार ने रूफटॉप सोलर के लिए 40 प्रतिशत तक सब्सिडी देना तय किया, लेकिन डिस्कॉम्स ने लोगों तक इसे पहुंचाने की जिम्मेदारी से कदम पीछे खींच लिए हैं।
उर्जा विभाग ने इसकी जिम्मेदारी बतौर नोडल एजेंसी राजस्थान अक्षय उर्जा निगम को सौंप दी है। नतीजा, अब इसकी औपचारिक स्वीकृति और लक्ष्य तय करने के लिए लिए मामला न्यू एण्ड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय के पास भेजा गया है। ऐसे हालात के बीच सब्सिडी के जरिए रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने की उम्मीद जल्द पूरी नहीं हो सकेगी। गौरतलब है कि डिस्कॉम्स ने राज्य विद्युत विनियामक आयोग में टैरिफ पीटिशन दायर की हुई है, इसमें जनसुनवाई हो चुकी और कभी भी बढ़ोत्तरी के आदेश जारी हो सकते हैं। इसमें 25 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की सिफारिश की गई है।

सब्सिडी का गणित..
1. पहले सब्सिडी : घरेलू व अघरेलू दोनों उपभोक्ताओं के लिए 10 किलोवॉट तक 30 फीसदी सब्सिडी मिलती थी।
2. अब सब्सिडी : 3 किलोवॉट तक 40 फीसदी और 3 से 10 किलोवाट तक 20 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी केवल घरेलू बिजली कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के लिए ही होगी। टयूबवेल पर लगने वाले सोलर पंप पर सब्सिडी 60 फीसदी तक है।

बनेगा पैनल, तब होगा काम..
नई सब्सिडी प्रक्रिया के तहत रूफटॉप सोलर पैनल लगवाने का काम संबंधित डिस्कॉम को ही सौंपा गया है। इसलिए सोलर पैनल बनाने वाली फर्मों का पैनल डिस्कॉम के स्तर पर तैयार होना था, लेकिन अब आरआरईसी करेगी। ऐसे में अब उनके स्तर पर ही पैनल बनाया जाएगा। इसके लिए निविदा प्रक्रिया होगी।

पहले साल सूरज से 45 मेगावॉट बिजली लेंगे..
न्यू एण्ड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय की ओर से जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम को सोलर पैनल के लिए टारगेट मिलना है। हालांकि, तीनों ही अपने स्तर पर ही लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिन पर मुहर लगनी बाकी है।
-जयपुर डिस्कॉम- 25 मेगावॉट
-अजमेर डिस्कॉम- 5 मेगावॉट
-जोधपुर डिस्कॉम- 15 मेगावॉट

सौर उर्जा इसलिए जरूरी..
परंपरागत संयंत्र से बिजली उत्पादन न केवल महंगा है बल्कि इससे प्रदूषण का स्तर पर भी बढ़ता जा रहा है। 1 किलो कोयला से 2.5 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है लेकिन इसके साथ कॉर्बनडाइ आॅक्साइड, सल्फर, कॉर्बन मोनो आॅक्साइड सहित अन्य गैस भी निकलती है। ऐसे में सौर उर्जा की जरूरत बढ़ती जा रही है। अभी सौर व पवन उर्जा के 8 हजार मेगावॉट क्षमता के प्लांट हैं।

-सोलर में अक्षय उर्जा निगम काम कर रहा है, इसलिए उर्जा विभाग ने नोडल एजेंसी के रूप में हमें जिम्मेदारी दी है। केन्द्र से निर्धारित लक्ष्य मिलते ही काम शुरू कर देंगे। -अनिल गुप्ता, प्रबंध निदेशक, राजस्थान अक्षय उर्जा निगम
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो