रेव पार्टियों में भी इस ड्रग की बड़ी डिमांड
ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत पकड़े गए मादक पदार्थ तस्कर एवं बिक्री करने वालों में यह पहला ऐसा आरोपी है, जिसे पुलिस ने इतने दिन के लिए रिमांड पर लिया है। आरोपी के पास से कई जाने-माने क्लबों के कार्ड भी बरामद हुए हैं। ये क्लब देश भर में स्थित हैं। पुलिस यह पता लगा रही है कि तस्कर जयपुर के साथ ही कौन-कौनसे शहर में ड्रग की सप्लाई करता था। तस्कर रेव पार्टियों में भी जाता था। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रदेश भर में रेव पार्टियों में भी इस ड्रग की बड़ी डिमांड है।
महंगी के साथ खतरनाक भी: पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार यह ड्रग राजधानी में ‘मम्मी-डेडी’ के नाम से बेची जाती है। एक ग्राम की पुडि़या को 8000 रुपए में बेचा जाता है। यह ड्रग न सिर्फ महंगी, बल्कि खतरनाक भी है और इसके अत्यधिक डोज शरीर और दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ड्रग उत्तेजना और मतिभ्रम पैदा करती है। यह मूड और धारणा को बदल देती है। इसका सीधे तौर पर दिमाग पर असर होता है।
पुलिस की बढ़ी चिंता
क्राइम ब्रांच के पुलिस निरीक्षक लखन खटाना ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी हिमाचल प्रदेश में इस ड्रग से परिचित हुआ है और नशे के आदी लोग इसे मम्मी-डैडी ड्रग बोलते हैं। आरोपी से पता लगाया जा रहा है कि यह किससे ड्रग लाता था और कहां-कहां सप्लाई करता था।
फोटो— प्रतीकात्मक तस्वीर