ताजा मामला अलवर में गैंगरेप का है। गुरुवार को पार्टी की ओर से बनाई समिति के पहुंचने से पहले ही किरोड़ी ने अपने समर्थकों के साथ जबर्दस्त हंगामा किया। प्रियंका से मिलने की कोशिश में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद शुक्रवार को भी किरोड़ी ने अलवर पहुंचकर जबर्दस्त हंगामा किया। इस दौरान पार्टी के नेता उनके साथ नहीं थे।
यहां भी दिखाई थी ताकत —पुलिस का जबर्दस्त पहरा होने के बावजूद गलता की पहाड़ियों स्थित आमागढ़ मंदिर पहुंचे और झंडा फहराया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था। —सपोटरा में पुजारी की हत्या मामले में लाश लेकर जयपुर सिविल लाइंस फाटक पहुंच गए और पुलिस को कानोंकान खबर भी नहीं हुई
—बेरोजगारों के धरने में जाकर धरने की चेतावनी दी। इसके पहले ही सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया। ——दो जून को सवाई माधोपुर में हुई हत्या के विरोध में कलेक्ट्रेट पर विरोध—प्रदर्शन
—19 जून कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना —28 जून को कम्प्यूटर शिक्षकों की मांग को लेकर आवाज बुलंद की —1 जुलाई को महिलाओं के साथ बढ़ते अत्याचार को लेकर कमिश्नरेट पहुंचे, आईबी को भनक तक नहीं लग पाई
—2 जुलाई को लालसोट पुलिस थाने के बाहर दिया धरना —7 जुलाई को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन को कई मामलों को लेकर ज्ञापन सौंपा —8 जुलाई को जनजाति क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों को लेकर डीजीपी एमएल लाठर से मिलकर दिया ज्ञापन