‘लोकतंत्र में टकराव से कुछ हासिल नहीं होगा’
डॉ मीणा ने खुद को किसान का बेटा बताते हुए किसान आंदोलन पर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की है। ट्वीट प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा, ‘किसानों के आंदोलन को देखकर मैं व्यथित हूं। मेरी उनसे हाथ जोड़कर विनम्र अपील है कि वे हठ छोड़कर सरकार के साथ संवाद कायम करें और समाधान निकालें। लोकतंत्र में टकराव से कुछ हासिल नहीं होता है।‘
‘संवाद के ज़रिये निकालें समाधान’
राज्य सभा सांसद ने कृषि कानूनों पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने हाथ जोड़कर किसानों को वार्ता का निमंत्रण दिया है। वहीं सरकार ये भी स्पष्ट कर चुकी है कि न तो एमएसपी बंद होगी और न ही मंडियां। फिर भी किसानों के मन में कोई शंका है तो उसके समाधान के लिए केंद्र तैयार है। सांसद ने आंदोलनरत किसानों से संवाद के ज़रिये समाधान निकालने की अपील की।