सांसद डॉ मीणा ने आरोप लगाया है कि गांव के कुछ दबंगों ने अधिकारियों से मिलकर षडयंत्र पूर्वक पुजारी शिबू शर्मा की बेशकीमती 2 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करवा ली। साथ ही मंदिर माफी की 26 बीघा जमीन पर भी भू माफियाओं ने कब्जा कर लिया है, जिसके सदमे में मूक बधिर शिबू शर्मा की मौत हो गई।
चला समझाइश और आश्वासनों का दौर
पुजारी के शव को लेकर परिजनों के साथ धरने पर बैठे सांसद किरोड़ी लाल मीणा का स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ वार्ताओं का दौर भी चला। इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने उन्हें समझाने और मामले की जांच करने का आश्वासन भी दिया लेकिन सांसद टस-से-मस नहीं हुए।
इन मांगों पर धरना जारी
धरने पर बैठे सांसद किरोड़ी लाल मीणा की मांग है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच पड़ताल की जाए। साथ ही जो भू माफियाओं के साथ अधिकारी लिप्त हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और जो मंदिर माफी की जमीन है उसे भू माफियाओं के कब्जे से मुक्त करवाया जाए।
‘भूमाफियाओं को मिला हुआ है राजनीतिक संरक्षण’
सांसद किरोड़ी लाल मीणा का यह भी आरोप है कि महुआ में भू माफियाओं को राजनीतिक और अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते भूमाफिया इलाके में बेखोफ होकर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।
भाजपा के निशाने पर गहलोत सरकार
महुआ के मूक-बधीर पुजारी की मौत प्रकरण पर भाजपा नेता बयानों के ज़रिये कांग्रेस की राज्य सरकार को घेरने में लगे हैं। उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि करौली के बाद अब दौसा के महुआ में भूमाफिया व पुलिस की मिलीभगत की वजह से पुजारी की मृत्यु होने की घटना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य में चरमराई कानून व्यवस्था का आलम यह है कि यहां महिला, बच्चे, दलित, व्यापारी के बाद पुजारी भी सुरक्षित नहीं है।
राठौड़ ने कहा कि दौसा में सत्ता संरक्षित भू माफियाओं ने मंदिर माफी की 26 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है। सरकार से मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर भू माफियाओं के साथ लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई और मंदिर माफी की जमीन उनके कब्जे से मुक्त करवाए।