ऐसे में मंगलवार को बैंसला के घर गुर्जर नेताओं की एक अहम बैठक हुई। बैठक में विजय बैंसला, शैलेन्द्र गुर्जर, भूरा भगत समेत समाज के कई प्रमुख गुर्जर नेता मौजूद रहे। बैठक के बाद बैंसला ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमे निकालने वाले खुद निकल चुके। उन्हें तो समिति से पहले ही निकाला जा चुका है। भाजपा में शामिल होने को लेकर बैंसला ने कहा कि वो एक अलग मुद्दा है। मैंने बीजेपी का दामन सामाजिक और राष्ट्रीय कारणों की वजह से थामा है।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति से निष्काषित किये जाने पर कर्नल बैंसला ने कहा कि कौन हिम्मत सिंह, ये मेरी आरक्षण संघर्ष समिति है। इस समिति में काम किए जाते है, निर्णय लिए जाते हैं।
वहीं उन्होंने कहा कि 20 अप्रेल को सिकंदरा में गुर्जर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा और वहां समाज फैसला लेगा। बैंसला ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सरकार के साथ जो समझौता हुआ है, उसमें कुछ फेरबदल हुआ तो इसका परिणाम सरकार को भुगतना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आरक्षण मामले में किसी भी तरह की कोताही बरती गई तो आंदोलन भी किया जाएगा। समिति ने यह भी तय किया कि सरकार से वार्ता प्रतिनिधिमंडल ही करेगा। बैठक में 11 जिलों से आए लोगों ने हिस्सा लिया।