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किसान कर्जमाफी को लेकर सरकार उठा रही बड़ा कदम, अब फर्जी लोन लेने वालों पर गिरेगी गाज

locationजयपुरPublished: Jul 11, 2019 11:18:00 am

Submitted by:

dinesh

Kisan Karj Mafi : कर्जमाफी योजना ( Kisan Karj Mafi ) में फर्जी नाम से लोन उठाकर उसे माफ कराने का सिलसिला डूंगरपुर तक ही सीमित नहीं है। आधार आधारित अभिप्रमाणन के बाद प्रदेश में लाखों किसानों के नाम के खाते संदेह के घेरे में हैं…

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– ओमप्रकाश शर्मा/जयपुर। कर्जमाफी योजना ( Kisan Karj Mafi ) में फर्जी नाम से लोन उठाकर उसे माफ कराने का सिलसिला डूंगरपुर तक ही सीमित नहीं है। आधार आधारित अभिप्रमाणन के बाद प्रदेश में लाखों किसानों के नाम के खाते संदेह के घेरे में हैं। बड़ी संख्या को देखते हुए सरकार ने अब मामले की पड़ताल की जिम्मेदारी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ( SOG ) को सौंपी है। जांच की जिम्मेदारी मिलने के बाद एसओजी जिलेवार सहकारी बैंकों की पड़ताल भी शुरू कर दी है। ऐसे फर्जीवाड़े रोकने के लिए ही सरकार ने किसान पोर्टल लॉंच किया है, जिसकी शुरूआत गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) करेंगे।
कर्जमाफी 2018 के बाद सहकारी बैंकों का यह फर्जीवाड़ा सामने आया था। किसान को खबर नहीं और उसके नाम से लोन उठा लिया गया। इसका खुलासा तब हुआ जब लोन वेवर पोर्टल पर कर्जमाफी के लाभान्वित किसानों के नाम अपलोड़ किए गए। सबसे अधिक मामले डूंगरपुर में सामने आए, जहां सैंकड़ों किसानों के नाम से लोन उठाया गया, जिन्हें इसकी खबर ही नहीं थी। कर्जमाफी योजना में ऐसे लोन रिकॉर्ड में चुकता कर दिए गए। हंगामा हुआ तो ऐसी शिकायतें कई जिलों में सामने आई।
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बाद में सामने आए थे फर्जीवाड़े
कर्जमाफी 2018 में सरकार ने पचास हजार रुपए तक के कर्ज माफ किए थे। इस योजना में 27 लाख 65 हजार किसान लाभान्वित हुए थे। करीब आठ हजार करोड़ रुपए माफ किए गए। इसके बाद फर्जीवाड़े सामने आए। वर्तमान सरकार ने कर्जमाफी योजना 2019 लागू की, जिसमें अल्पकालीन फसली ऋण ( Farm Loan ) पूरी तरह माफ किए गए। फर्जी नाम वाले खातों की निगरानी के लिए सरकार ने कर्जमाफी से पहले खाताधारक की तस्दीक आधार कार्ज से की। ऐसे में फर्जी लोग तस्दीक कराने ही नहीं आए। नतीजा यह रहा कि गत वर्ष की तुलना में इस बार करीब बीस लाख किसान ही कर्ज माफी के लिए आगे गए। ऐसे में करीब सात लाख खाते संदेह के घेरे में हैं।
– जांच के लिए पत्र मिला था, जिसके बाद पड़ताल शुरू की है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने भी पत्र लिखा है। एसओजी जांच कर रही है, रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी।
भूपेन्द्र सिंह यादव, पुलिस महानिदेशक
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