गौरतलब है कि करौली से पहले टिकैत राजस्थान में अब तक कई किसान महापंचायतें कर चुके हैं। वे हनुमानगढ़ के नोहर, चूरु के सरदारशहर और सीकर सहित अन्य कई हगाहों पर सभाओं में शामिल हुए हैं। वहीँ आज करौली के टोडाभीम के बाद कल श्रीगंगानगर में भी टिकैत एक किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। जल्द ही उनके आगामी कार्यक्रम भी घोषित किये जायेंगे।
राजनेताओं की मंच पर जगह नहीं
आयोजकों की मानें तो करीरी गांव की किसान महापंचायत पूरी तरह से गैर-राजनीतिक होगी। आयोजन से जुड़े किसान नेता मनीराम खेड़ी के अनुसार किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े नेता को मंच पर जगह नहीं दी जायेगी। यदि कोई राजनेता किसान महापंचायत में आता है तो उसे एक सामान्य किसान के साथ बैठना होगा। वहीँ 25 सदस्यीय आयोजन समिति ही तय करेगी कि मंच से किस-किस को बोलने का मौक़ा दिया जाएगा।
कुश्ती-दंगल के लिए प्रसिद्ध है आयोजन स्थल
करीरी गांव के जिस भेरूं बाबा मैदान पर किसान महापंचायत होनी है वो स्थान कुश्ती-दंगल प्रतियोगिता के लिए ख़ास पहचान रखता है। वर्षों से यहाँ होने वाली कुश्ती-दंगल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।
जयपुर में 23 मार्च को किसान महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा ने राजधानी जयपुर से भी अब किसानों की ताकत दिखाने का फैसला लिया है। 23 मार्च को शहीद दिवस के मौके पर एक विशाल किसान महापंचायत की घोषणा की है। मोर्चा पदाधिकारियों की जयपुर में ही हुई एक बैठक में आंदोलन को और तेज़ करने पर मंथन हुआ। इस दौरान किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर, जाट नेता राजाराम मील, विधायक बलवान पूनियां, सहित विभिन्न किसान संगठनों के नेता उपस्थित रहे।
ये रहेंगे आगामी कार्यक्रम
– 26 फरवरी:- दिल्ली मोर्चे पर जारी किसानों के पड़ाव को तीन महीने पूरे होने पर ‘युवा किसान दिवस’ मनाया जाएगा। मोर्चे के सभी मंच युवाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। अलग-अलग राज्यों के युवाओं से दिल्ली बॉर्डर्स पहुचने की अपील की गई है|
– 27 फरवरी- गुरु रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के शहादत दिवस पर “मजदूर किसान एकता दिवस” मनाया जाएगा।
दक्षिण भारत के किसान भी हैं शामिल
किसान आंदोलन के तहत संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले सैंकड़ों की संख्या में किसान पिछले करीब 74 दिनों से शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर पड़ाव डाले बैठे हुए हैं। यहाँ न सिर्फ उत्तरी भारत के किसान ही शामिल हैं, बल्कि दक्षिण भारत के कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और केरल से किसान भी पहुंचे हुए हैं।