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कृषकों को प्रगतिशील बनाएगी किसान पाठशाला

locationजयपुरPublished: Jan 13, 2020 08:18:23 pm

Submitted by:

Suresh Yadav

किसान पाठशाला में सिखाए जाएंगे कृषि के उन्नत तरीके
फसल बुवाई से कटाई तक के सभी तौर तरीके बताए जाएंगे

कृषकों को प्रगतिशील बनाएगी किसान पाठशाला

कृषकों को प्रगतिशील बनाएगी किसान पाठशाला

जयपुर।
भारत कृषि प्रधान देश है। आज भी 60 प्रतिशत से अधिक आबादी परोक्ष और अपरोक्ष रूप से कृषि कार्यों में लगी हुई है। परन्तु देश की अधिकांश आबादी आज भी खेती किसानी के कार्य परंपरागत तरीके से ही कर रही है। जिसके चलते बदलते मौसम तथा जलवायु के अनुसार जानकरी नहीं होने के कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है साथ ही आर्थिक रूप से हानि भी होती है। प्रत्येक वर्ष मौसम, रोग तथा कीट से होने वाले नुकसान से किसान की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है।
किसानों को कृषि के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी उपलब्ध हो तथा बदलते परिवेश को समझ सके इसके लिए बिहार राज्य सरकार ने पहल करते हुए कृषि पाठशाला का आयोजन किया है । यह कृषि पाठशालाएं बिहार के सभी जिलों में आयोजित की जा रही हैं।
इन पाठशालाओं में फसल की बुआई से लेकर कटाई तक संचालित किए जाने वाले कार्यों को शामिल किया गया है। इसमें नियमित स्तरों पर कृषकों का समूह फसल की परिस्थति को देखता है तथा उसकी गतिशीलता के बारे में चर्चा करता है। किसान पाठशाला के तहत ऐसे नवाचारों को शामिल किया जाता है जिनको खेतों में स्थापित किए जाने से खेतों की उत्पादकता में वृद्धि होती हो। इस पाठशाला की मुख्य थीम ‘करके सीखोÓ रखी गई है।
यह खेत-खलिहान में संचालित होने वाला एक ऐसा अनौपचारिक स्कूल है, जहाँ सीखने एवं सिखाने वाले स्वयं प्रगतीशील किसान भी हो सकते हैं। किसान पाठशाला में 30 की संख्या में विभिन्न गावों के कृषक विधार्थी के रूप में और समूह के द्वारा प्राधिकृत सदस्य के रूप में भाग ले सकते हैं।
किसान पाठशाला का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में उत्पन्न हो रही जलवायु परिवर्तन की परिस्थितियों से समय रहते निपटना और उत्पादन को बढ़ावा देना है।
हम सभी जानते हैं कि कृषि कार्य प्रकृति पर निर्भर रहते हैं। कभी सूखा तो कभी बाढ़, प्रकृति की मार के आगे किसान बेबस ही नजर आते हैं। ऐसे में किसान पाठशाला में सिखाए जाने वाले आधुनिक तौर तरीकों से काफी हद तक उन्नत फसल को प्राप्त कर किसान अपना उत्पादन बढ़ाने में सक्षम हो सकेंगे।
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