सौरव गांगुली-राहुल द्रविड़ का चयन
1996 के इंग्लैंड दौरे के लिए सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ में से उनके सबसे हाई-प्रोफाइल चयन थे। इस बात से कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन खुश नहीं थे। वे गांगुली को नहीं जा पर अड़ गए और फैसले से परेशान होकर, वह बैठक छोड़कर ताज होटल के बगल के एक खाली कमरे में जाकर बैठ गए। तब जगमोहन डालमिया ने उनसे कहा, किशनजी, उन्हें किसी भी तरह ले आओ। इसलिए उन्होंने बाहर जाकर अजहर को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। आखिरकार, उनसे कहा, अजहर, आपके पास पांच मिनट हैं। या तो आप आएं या टीम आपके बिना चले जाए। उन्होंने उठकर चयन टीम शीट पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद गांगुली और द्रविड़ के संबंधित कॅरिअर में जो हुआ वह इतिहास में अच्छी तरह से रचा गया है। यह बात किशन रूंगटा ने एक साक्षात्कार में कही थी।
क्रिकेट संस्मरणों पर लिख रहे थे पुस्तक
किशन रूंगटा के करीबी रहे अनंत व्यास बताते हैं कि अभी २० दिन पहले तक वे रामबाग गोल्फ क्लब में गोल्फ खेल रहे थे और उसी दौरान बताया कि वे अपने क्रिकेट संस्मरणों को लेकर एक पुस्तक लिख रहे हैं जो पूरी हो चुकी है। उस पर एक बैठक कर सुझाव मांगने वाले थे। एक पुस्तक वे अपने शिकार संस्मरण पर लिख चुके थे जिसके अनावरण में मोहम्मद अजहररुद्दीन और अजय जडेजा भी आ चुके थे।
1996 के इंग्लैंड दौरे के लिए सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ में से उनके सबसे हाई-प्रोफाइल चयन थे। इस बात से कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन खुश नहीं थे। वे गांगुली को नहीं जा पर अड़ गए और फैसले से परेशान होकर, वह बैठक छोड़कर ताज होटल के बगल के एक खाली कमरे में जाकर बैठ गए। तब जगमोहन डालमिया ने उनसे कहा, किशनजी, उन्हें किसी भी तरह ले आओ। इसलिए उन्होंने बाहर जाकर अजहर को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। आखिरकार, उनसे कहा, अजहर, आपके पास पांच मिनट हैं। या तो आप आएं या टीम आपके बिना चले जाए। उन्होंने उठकर चयन टीम शीट पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद गांगुली और द्रविड़ के संबंधित कॅरिअर में जो हुआ वह इतिहास में अच्छी तरह से रचा गया है। यह बात किशन रूंगटा ने एक साक्षात्कार में कही थी।
क्रिकेट संस्मरणों पर लिख रहे थे पुस्तक
किशन रूंगटा के करीबी रहे अनंत व्यास बताते हैं कि अभी २० दिन पहले तक वे रामबाग गोल्फ क्लब में गोल्फ खेल रहे थे और उसी दौरान बताया कि वे अपने क्रिकेट संस्मरणों को लेकर एक पुस्तक लिख रहे हैं जो पूरी हो चुकी है। उस पर एक बैठक कर सुझाव मांगने वाले थे। एक पुस्तक वे अपने शिकार संस्मरण पर लिख चुके थे जिसके अनावरण में मोहम्मद अजहररुद्दीन और अजय जडेजा भी आ चुके थे।