scriptस्मृति शेष: किशन रूंगटा (1932-2021)… जब अजहरुद्दीन से कहा, …नहीं तो कप्तान के बिना टीम चली जाएगी | kishan rungta, bcci | Patrika News

स्मृति शेष: किशन रूंगटा (1932-2021)… जब अजहरुद्दीन से कहा, …नहीं तो कप्तान के बिना टीम चली जाएगी

locationजयपुरPublished: May 03, 2021 07:37:56 pm

Submitted by:

Satish Sharma

सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और हरभजन को टीम इंडिया में शामिल करने में निभाई अहम भूमिका

स्मृति शेष: किशन रूंगटा (1932-2021)... जब अजहरुद्दीन से कहा, ...नहीं तो कप्तान के बिना टीम चली जाएगी

स्मृति शेष: किशन रूंगटा (1932-2021)… जब अजहरुद्दीन से कहा, …नहीं तो कप्तान के बिना टीम चली जाएगी

जयपुर। ‘टाइगरÓ के नाम से मशहूर और बीसीसीआई चयन समिति के पूर्व मुख्य चयनकर्ता किशन रूंगटा का शनिवार को कोरोना से निधन हो गया। वे ८९ वर्ष के थे। उनके निधन से राजस्थान में ही नहीं अपितु क्रिकेट जगत में शोक छा गया। अपने दिलेर फैसलों के वजह से पहचाने जाने वाले किशन रूंगटा के न जाने कितने ही किस्से क्रिकेट जगत में मशहूर हैं। ऐसे ही कुछ किस्से इस प्रकार हैं :
पंकज सिंह को एक बॉल के ट्रायल पर सलेक्ट किया
किशन रूंगटा को क्रिकेट की काफी बारीक जानकारी थी, एक बॉल से वे खिलाड़ी को भांप लेते थे। पूर्व क्रिकेटर पार्थ सारथी शर्मा के कहने पर उन्होंने केएल सैनी स्टेडियम में पंकज सिंह का ट्रायल लिया और एक बॉल डालते ही कहा, ये इंडिया खेलेगा इसे अभी राजस्थान टीम में शामिल करो और बाद में पंकज इंडिया टीम में शामिल हुए। ऐसे ही हरभजन सिंह को एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकट अकादमी) में खेलता देखकर भारतीय टीम में बिना रणजी मैच में उतारे शामिल किया।
ऐसे ही एक किस्सा मशहूर है कि बांग्लादेश के खिलाफ एक बार सचिन तेंदुलकर को उन्होंने टीम से आउट सिर्फ बैंच पर बैठे खिलाडिय़ों को मौका देने के लिए किया था। इस पर वे तत्कालीन चेयरमैन राजसिंह डूंगरपुर से भी भिड़ गए थे।
सौरव गांगुली-राहुल द्रविड़ का चयन
1996 के इंग्लैंड दौरे के लिए सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ में से उनके सबसे हाई-प्रोफाइल चयन थे। इस बात से कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन खुश नहीं थे। वे गांगुली को नहीं जा पर अड़ गए और फैसले से परेशान होकर, वह बैठक छोड़कर ताज होटल के बगल के एक खाली कमरे में जाकर बैठ गए। तब जगमोहन डालमिया ने उनसे कहा, किशनजी, उन्हें किसी भी तरह ले आओ। इसलिए उन्होंने बाहर जाकर अजहर को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। आखिरकार, उनसे कहा, अजहर, आपके पास पांच मिनट हैं। या तो आप आएं या टीम आपके बिना चले जाए। उन्होंने उठकर चयन टीम शीट पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद गांगुली और द्रविड़ के संबंधित कॅरिअर में जो हुआ वह इतिहास में अच्छी तरह से रचा गया है। यह बात किशन रूंगटा ने एक साक्षात्कार में कही थी।
क्रिकेट संस्मरणों पर लिख रहे थे पुस्तक
किशन रूंगटा के करीबी रहे अनंत व्यास बताते हैं कि अभी २० दिन पहले तक वे रामबाग गोल्फ क्लब में गोल्फ खेल रहे थे और उसी दौरान बताया कि वे अपने क्रिकेट संस्मरणों को लेकर एक पुस्तक लिख रहे हैं जो पूरी हो चुकी है। उस पर एक बैठक कर सुझाव मांगने वाले थे। एक पुस्तक वे अपने शिकार संस्मरण पर लिख चुके थे जिसके अनावरण में मोहम्मद अजहररुद्दीन और अजय जडेजा भी आ चुके थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो