रोशनी
किचन गार्डन की ओर आप जैसे-जैसे अपना सफर बढ़ाते चलते हैं, छह ऐसी बातें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखने की आवश्यकता है। इनमें सूर्य का प्रकाश, पानी, मिट्टी, बीज, कंटेनर, जैविक कीटनाशक सहित उचित खाद शामिल है। सूर्य का प्रकाश: चाहे वह अंकुरण अवस्था में हो या पौधों के उगने के बाद, उन्हें विकसित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए सूर्य के प्रकाश की बहुत आवश्यकता होती है। अपने किचन गार्डन में सूरज के समुचित प्रकाश की उपलब्धता ध्यान रखे जाने वाली यह बुनियादी बात है।
पानी
सूरज के प्रकाश की तरह ही पानी बहुत अधिक मायने रखता है। जब बीज अंकुरित हो रहे होते हैं, तब पानी अपना काम करता है और शुष्क बीजों को वह नमी देता है, जिसकी उन्हें अंकुरण में आवश्यकता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि पानी के साथ पॉट को भर देना अद्भुत काम करेगा! वास्तव में बहुत अधिक पानी भी बीज या पौधे को नष्ट कर सकता है। ऐसे में गमले या क्यारी में बीजों या पौधों की जरूरत के अनुसार ही पानी डालें। मिट्टी की स्थिति के अनुसार समय-समय पर देखते रहें कि पानी की आवश्यकता कितनी है?
किचन गार्डन की ओर आप जैसे-जैसे अपना सफर बढ़ाते चलते हैं, छह ऐसी बातें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखने की आवश्यकता है। इनमें सूर्य का प्रकाश, पानी, मिट्टी, बीज, कंटेनर, जैविक कीटनाशक सहित उचित खाद शामिल है। सूर्य का प्रकाश: चाहे वह अंकुरण अवस्था में हो या पौधों के उगने के बाद, उन्हें विकसित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए सूर्य के प्रकाश की बहुत आवश्यकता होती है। अपने किचन गार्डन में सूरज के समुचित प्रकाश की उपलब्धता ध्यान रखे जाने वाली यह बुनियादी बात है।
पानी
सूरज के प्रकाश की तरह ही पानी बहुत अधिक मायने रखता है। जब बीज अंकुरित हो रहे होते हैं, तब पानी अपना काम करता है और शुष्क बीजों को वह नमी देता है, जिसकी उन्हें अंकुरण में आवश्यकता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि पानी के साथ पॉट को भर देना अद्भुत काम करेगा! वास्तव में बहुत अधिक पानी भी बीज या पौधे को नष्ट कर सकता है। ऐसे में गमले या क्यारी में बीजों या पौधों की जरूरत के अनुसार ही पानी डालें। मिट्टी की स्थिति के अनुसार समय-समय पर देखते रहें कि पानी की आवश्यकता कितनी है?
मिट्टी और गमलें
शायद प्रदूषण या जैविक सामग्री की कमी के कारण बेतरतीब जगह से खोदी गई मिट्टी बेहतर काम नहीं करेगी। अच्छी जैविक गुणवत्ता वाली मिट्टी में बीज कहीं अधिक बेहतर तरीके से उगते हैं और उनमें कीड़ों का डर भी कम हो जाता है। प्लास्टिक के बर्तन इन दिनों काफी आम हैं। हालांकि, खराब गुणवत्ता वाला प्लास्टिक वास्तव में हानिकारक साबित हो सकता है। मिट्टी के बर्तन छिद्रपूर्ण होते हैं और नमी अंदर-बाहर जा सकती है।
शायद प्रदूषण या जैविक सामग्री की कमी के कारण बेतरतीब जगह से खोदी गई मिट्टी बेहतर काम नहीं करेगी। अच्छी जैविक गुणवत्ता वाली मिट्टी में बीज कहीं अधिक बेहतर तरीके से उगते हैं और उनमें कीड़ों का डर भी कम हो जाता है। प्लास्टिक के बर्तन इन दिनों काफी आम हैं। हालांकि, खराब गुणवत्ता वाला प्लास्टिक वास्तव में हानिकारक साबित हो सकता है। मिट्टी के बर्तन छिद्रपूर्ण होते हैं और नमी अंदर-बाहर जा सकती है।
जैविक कीटनाशक
कीट और पौध-रोग प्रबंधन किचन गार्डन की देखभाल के लिए काफी महत्त्वपूर्ण हैं। इनमें भी जैविक समाधान सबसे अच्छे माने गए हैं क्योंकि वे किसी आम रासायनिक कीटनाशक की तरह हानिकारक नहीं होते। एक अच्छा उदाहरण पाइरेथ्रिन है, जो गुलदाउदी फूलों में पाया जाता है। पाइरेथ्रिन का उपयोग मच्छरों, पिस्सू, मक्खियों, पतंगों, चींटियों आदि को पौधों से दूर रखने के लिए किया जाता है।
खाद
यह तय है कि समय के साथ मिट्टी अपनी खनिज सामग्री खो देगी जिसे फिर से भरने की आवश्यकता है। जैविक उर्वरक बाजार में भी उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन अधिक बेहतर होगा कि आप अपनी खाद खुद बनाएं, रसोई के गीले कचरे से आप किचन गार्डन के लिए उपयोगी खाद को तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा समय-समय पर मिट्टी की निराई-गुड़ाई भी करते रहें।
कीट और पौध-रोग प्रबंधन किचन गार्डन की देखभाल के लिए काफी महत्त्वपूर्ण हैं। इनमें भी जैविक समाधान सबसे अच्छे माने गए हैं क्योंकि वे किसी आम रासायनिक कीटनाशक की तरह हानिकारक नहीं होते। एक अच्छा उदाहरण पाइरेथ्रिन है, जो गुलदाउदी फूलों में पाया जाता है। पाइरेथ्रिन का उपयोग मच्छरों, पिस्सू, मक्खियों, पतंगों, चींटियों आदि को पौधों से दूर रखने के लिए किया जाता है।
खाद
यह तय है कि समय के साथ मिट्टी अपनी खनिज सामग्री खो देगी जिसे फिर से भरने की आवश्यकता है। जैविक उर्वरक बाजार में भी उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन अधिक बेहतर होगा कि आप अपनी खाद खुद बनाएं, रसोई के गीले कचरे से आप किचन गार्डन के लिए उपयोगी खाद को तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा समय-समय पर मिट्टी की निराई-गुड़ाई भी करते रहें।