जयपुर

संभलकर करें पतंगबाजी, क्योंकि 10 दिन में 3 मौत

मकर संक्रान्ति उत्साह का पर्व है, लेकिन हमारी लापरवाही खुशियां में खलल बन सकती है। दान—पुण्य के बाद पतंगबाजी करें, लेकिन संभलकर।

जयपुरJan 14, 2018 / 12:07 am

Bhavnesh Gupta

पतंगबाजी में लापरवाही के चलते जनवरी माह में पिछले 10 दिन में 3 मौत हो चुकी है। इनमें से एक मौत चाइनीज मांझे से तो दो छत से गिरने से हुई है। इसके अलावा पिछले 10 दिन में सिर की चोट के भर्ती हुए बच्चों में से 70 फीसदी बच्चे ऐसे हैं तो पतंगबाजी के कारण छत से गिरे है। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक मामले ऐसे आए हैं, जो वाहन चलाते हुए चाइनीज मांझे से घायल हो गए। ऐसे सवाल पैदा होता है सुरक्षा का। चाहे आप सडक पर वाहन चला रहे हैं या फिर छत पर पतंगबाजी कर रहे है। चिकित्सकों की मानें तो दिसंबर, जनवरी में छत से गिरने के मामले बढ जाते हैं। इसमें 80 फीसदी बच्चे और 20 फीसदी युवा शामिल होते हैं। चिकित्सकों का मानना है कि यह घटनाएं पतंगबाजी के कारण होती है।
नानी के घर जा रहा हसन, मांझे से कर्दन कटी….
पांच साल के हसन को पता नहीं था कि पतंगबाजी का उत्साह उसकी जान पर बन आएगा। शनिवार को हसन पिता नौशाद खान के साथ बाइक पर बैठकर लक्ष्मीनारायण पुरी नानी के घर जा रहा था। अचानक चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। हसन की गर्दन कट गई। उसे घायल हालत में एसएमएस ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया। हसन के गर्दन में टांके zए है। हालत गंभीर है। लेकिन खतरे से बाहर है। हसन के पिता का कहना है कि पतंगबाजी में ऐसे मांझे का इस्तेमाल ना हो जो लोगों की जान चली जाए। उनका कहना है कि वे घर ना ही खुद ऐसे मांझे का इस्तेमाल करेंगे।

पढाई कर घर लौट रहा था, मांझे की चपेट में आया…
मानसरोवर का रहने वाला वेभव सीए की पढाई कर रहा है। शनिवार को ही घर लौट रहा था कि लालकोठी के पास चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। मांझा गर्दन को छूता हुआ निकल गया। गनीमत रही कि ज्यादा चोट नहीं आई। हांलाकि गर्दन में घाव हो गया। वैभव को एसएमएस ट्रोमा में लाया गया। जहां उसे उपचार के बाद छुट्टी दे दी। वैभव का कहना है कि उनकी गाडी की स्पीड धीमी थी, इसीलिए उनको ज्यादा चोट ना लगी। इसीलिए वाहन चालक इस पर्व के दिन तेज वाहन ना चलाएं।

तीन साल में 490 घायल हुए, 70 गंभीर …
पतंगबाजी के जुनून के पिछले तीन सालों के हालातों पर गौर करें तो एसएमएस अस्पताल में चाइनीज मांझे और छत से गिरने वालों की संख्या 500 तक पहुंच गई है। इसके अलावा इनमें से 70 मरीज ऐसे थे, जिनकी हालात बेहत गंभीर रही। जिन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया।
अभी तक मांझे से कटने के मामले—
साल— घायल— भर्ती—- मौत
2015— 51 ——13 ——0
2016— 251—- 39 ——0
2017 —116—- 18— —0
2018— 25—– 6——- 1

 

गिरने पर 40 फीसदी चोट गर्दन पर लगती, सावधानी रखें…
मकरसंक्रान्ति खुशियों का त्योहार है, लेकिन इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है। पतंगबाजी के दौरान छत से गिरने के मामले आते हैं। ऐसे में ध्यान रखा जाए कि 40 फीसदी चोट गर्दन पर लगती है। ऐसे में सर्वाइकल इंजरी होने की संभावना बढ जाती है। इसके लिए ध्यान रखें कि अगर ऐसा हादसा हो जाता है तो मरीज की गर्दन को सीधा रखें। गर्दन में पट्टा बांध दें जिससे गर्दन हिले नहीं। साथ ही चार लोग मरीज को सीधे लिटाकर तुरंत पास के अस्पताल में उसे लेकर जाएं। ऐसा नहीं करने पर मरीज के हाथ, पैर अपंग हो सकते हैं।
-डॉ. बी.डी. सिन्हा, हैड न्यूरोसर्जरी

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