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जानिए क्या है वित्त आयोग और उनकी शक्तियां

locationजयपुरPublished: Sep 06, 2019 01:55:33 pm

Submitted by:

KAMLESH AGARWAL

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280(1) के तहत वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त्त किये जाने वाले एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्यों को मिलाकर किया जाता है …..जो कि राष्ट्रपति को सिफारिश करता है कि संघ एवं राज्यों के बीच करों की शुद्ध प्राप्तियों को कैसे वितरित किया जाए एवं राज्यों के बीच राजस्व का वितरण किया जाए.

जानिए क्या है वित्त आयोग और उनकी शक्तियां

जानिए क्या है वित्त आयोग और उनकी शक्तियां

जयपुर

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280(1) के तहत वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त्त किये जाने वाले एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्यों को मिलाकर किया जाता है …..जो कि राष्ट्रपति को सिफारिश करता है कि संघ एवं राज्यों के बीच करों की शुद्ध प्राप्तियों को कैसे वितरित किया जाए एवं राज्यों के बीच राजस्व का वितरण किया जाए…..अनुच्छेद 275 के तहत संचित निधि में से राज्यों को अनुदान या सहायता दिये जाने पर भी आयोग सिफारिश करता है….आयोग की सिफारिशों के आधार पर पंचायतों एवं नगरपालिकाओं के संसाधनों की आपूर्ति हेतु राज्य की संचित निधि में संवर्द्धन के लिये आवश्यक क़दमों की सिफारिश की जाती है……केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर, 2017 को 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान की…..15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 2020-25 तक होगा….14वें वित्त आयोग की सिफारिशें वित्तीय वर्ष 2019-20 तक के लिये वैध हैं……
15 वे वित्त आयोग के गठन के बाद 27 नवम्बर, 2017 को एन.के. सिंह को 15 वें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया….सिंह भारत सरकार के पूर्व सचिव एवं वर्ष 2008-2014 तक बिहार से राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके हैं….दरअसल भारत की संघीय प्रणाली केंद्र और राज्यों के बीच शक्ति और कार्यों के विभाजन की अनुमति देती है और इसी आधार पर कराधान की शक्तियों को भी केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित किया जाता है….केंद्र कर राजस्व का अधिकांश हिस्सा एकत्र करता है और कुछ निश्चित करों के संग्रह के माध्यम से बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था में योगदान देता है….स्थानीय मुद्दों और ज़रूरतों को निकटता से जानने के कारण राज्यों की यह ज़िम्मेदारी है कि राज्य अपने क्षेत्रों में लोकहित का ध्यान रखें….हालांकि इन सभी कारणों से कभी-कभी राज्य का खर्च उनको प्राप्त होने वाले राजस्व से कहीं अधिक हो जाता है।
इसके अलावा, विशाल क्षेत्रीय असमानताओं के कारण कुछ राज्य दूसरों की तुलना में पर्याप्त संसाधनों का लाभ उठाने में असमर्थ हैं। इन असंतुलनों को दूर करने के लिये, वित्त आयोग राज्यों के साथ साझा किये जाने वाले केंद्रीय निधियों की सीमा की सिफारिश करता है। 15वें वित्त आयोग द्वारा 2011 की जनगणना को ध्यान में रखते हुए राज्यों के बीच संसाधनों का आवंटन किये जाने की अनुशंसा की है ।
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