script…तो क्या राजस्थान में इस बड़ी वजह से हुआ कांग्रेस का सूपड़ा साफ | Know What Reason Of Congress Defeat in Lok Sabha Election Rajasthan | Patrika News

…तो क्या राजस्थान में इस बड़ी वजह से हुआ कांग्रेस का सूपड़ा साफ

locationजयपुरPublished: May 24, 2019 11:39:12 am

Submitted by:

santosh

कुछ माह पहले ही राजस्थान की सत्ता में लौटी कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीत दर्ज नहीं कर सकी, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सभी बड़े नेता मिशन 25 के दावे लगातार कर रहे थे।

ashok Gehlot
जयपुर। कुछ माह पहले ही राजस्थान की सत्ता में लौटी कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीत दर्ज नहीं कर सकी, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सभी बड़े नेता मिशन 25 के दावे लगातार कर रहे थे। इस बड़ी हार की एक वजह यह भी है कि कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार पहले लोकसभा उप चुनाव और बाद में विधानसभा चुनाव की तरह इस चुनाव में बड़े नेताओं को उतारकर पूरी ताकत नहीं झौंकी। ऐसे में किसी भी सीट पर कांग्रेस मुकाबले में नजर नहीं आई।
पार्टी को सभी सीटों पर बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। वैसे राज्य की सत्ता में काबिज होने से कांग्रेस पार्टी अपनी स्थिति मजबूत मान रही थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी लोकसभा चुनाव आचार संहिता के लागू होने से पहले चुनावों को देखते हुए कई लोक लुभावनी घोषणाएं की, लेकिन उनका भी पार्टी को चुनावों में कोई लाभ नहीं मिल सका।
राज्य विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की सत्ता में लौटने के लिए पूरे जोश के साथ चुनाव लड़ा। पार्टी के सभी बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतार दिया गया। इसका परिणाम यह रहा कि कांग्रेस पार्टी सौ सीटों के साथ सत्ता में लौटी। लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने लोकसभा चुनाव में उतरने के बजाय राज्य की सत्ता में ही रहना ज्यादा पसंद किया।
लगभग सभी नेताओं ने अंदर खाने चुनाव मैदान में उतरने से ही इनकार कर दिया। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को राज्य की कई सीटों मजबूत नेताओं के अनुपस्थिति में कमजोर नेताओं को मैदान में उतारना पड़ा। इसका नुकसान भी पार्टी को होना माना जा रहा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी.पी. जोशी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, लालचंद कटारिया, महेश जोशी, हरीश चौधरी, महेन्द्रजीत सिंह मालविया, रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया, महादेव सिंह खण्डेला सहित कई बड़े नेता पार्टी के ऐसे थे, जिन्होंने चुनाव मैदाना में उतारा जाता तो पार्टी को शायद इतनी बड़ी हार का सामना नहीं करना पड़ता। इन नेताओं में एक विधानसभा अध्यक्ष तो पांच केबिनेट मंत्री हैं। राज्य से केन्द्र में मंत्री और सांसद रहे नेताओं के चुनाव मैदान में नहीं उतरने को लेकर पार्टी में टिकट वितरण के दौरान भी यही चर्चा थी कि सभी बड़े नेता राज्य में पार्टी की स्थिति ठीक नहीं रहने और केन्द्र में कांग्रेस के सत्ता में नहीं लौटने का अंदाजा था। यही कारण रहा कि सभी वरिष्ठ राज्य की सत्ता में ही रहना ज्यादा पसंद कर रहे थे।
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