ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ अंकगणित के अनुसार आज का मूलांक एक है और भाग्यांक 5 है। भाग्यांक 5 एक और चार के सहयोग से बना है। इसके मायने यह है कि आज के दिन में त्वरित निर्णय उच्च स्तरीय प्रबंधकीय दक्षता के साथ समन्वय और सौहार्द् पूर्ण ऊर्जा उपलब्ध रहेगी। सभी कार्य तेज गति से होंगे एक से अधिक सफलता मिलने पर मन प्रसन्न रहेगा। साथ ही व्यापारिक दृष्टिकोण से भी लंबी दूरी की यात्राएं विदेश व्यापार और नए लोगों को जोड़ने के लिए भी आज का दिन विशेष रूप से अच्छा है। मूलांक 1,3,5 7 और 9 वालों के लिए आज का दिन विशेष सफलता भरा रह सकता है। वहीं मूलांक 2, 4, 6 और 8 वालों के लिए सावधानी से कार्य करने की आवश्यकता रहेगी। अगर आज के दिन किसी प्रकार की भी नकारात्मकता दर्शाई गई तो परिणाम अनुमान से ज्यादा खराब हो सकते हैं।
टैरो कार्ड के अनुसार आज का कार्ड द चेरियट के साथ सिक्स ऑफ कप्स है। इसके मायने हैं कि आज के दिन में किए गए प्रयासों को सफलता मिलने की अच्छी संभावना है। दृढ़ इच्छाशक्ति से किए गए कार्य केवल धन बल्कि प्रतिष्ठा दिलाने में भी भूमिका निभाएंगे। जो लोग पूर्ण नियंत्रण के साथ अपने कार्यों पर फोकस करेंगे वह बड़ी चीजों को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही आज का दिन जीवन में उत्साह और भविष्य के संबंधों को प्रभावित करने वाला भी साबित हो सकता है। यह नई शुरुआत की ओर भी इशारा कर रहा है।
सनसाइन के अनुसार आज उच्चाधिकारी अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए अपने कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कृत संकल्पित दिखाई देंगे। कार्यस्थल का वातावरण युद्ध क्षेत्र जैसा प्रतीत हो सकता है। उच्चाधिकारियों का दबाव हो या पेंडिंग कार्यों का बोझ कार्यस्थल पर सभी कार्य त्वरित गति से होने की संभावना रहेगी। आपसी समझ और समन्वय से कार्य किए गए तो कार्यों के परिणाम जल्दी आने लगेंगे। सहयोग दें और सहयोग लें की नीति पर चलना होगा। तभी वांछित परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। टौरस लियो स्कॉर्पियो और सेजीटेरियन्स अपने कार्यों से बेहतर परिणाम प्राप्त करने में सफल रहेंगे।
मूनसाइन आज का दिन भावनात्मक गतिविधियों में भी आर्थिक और प्रबंधकीय वार्ता के शामिल होने से रिश्तो में गिव एंड टेक प्रोसेस शामिल हो सकता है और विनम्रता ना बढ़ती गई तो शब्दों की खींचतान इतनी बढ़ सकती है की वार्तालाप का अंत रिश्तों के अंत तक भी पहुंच सकता है। इसलिए बहुत गंभीरता से आज शब्दों का आदान प्रदान करना होगा।
आपका सवाल प्रश्न: बच्चों को सूर्य की आकृति के लॉकेट क्यों पहनाए जाते हैं?
उत्तर: सनातन संस्कृति में विभिन्न प्रकार के चिन्हों को गले में या बाजूबंद के रूप में लॉकेट के रूप में पहनने का बड़ा महत्व है। वैज्ञानिक रूप से देखें तो किसी प्रकार की धातु को शरीर पर पहनने का स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ा महत्व है। हर धातु में से रेडिएशन लगातार निकलते रहते हैं। ऐसा माना जाता है की तांबा, चांदी, सोना आदि ऐसे धातु हैं जो शरीर के साथ जोड़कर विभिन्न प्रकार के मानसिक और शारीरिक चुंबकीय तरंगे जो वातावरण के अंदर नॉर्थ पोल टू साउथ पोल बह रही होती हैं उनसे सही तारतम में बैठाने में मददगार साबित होते हैं। उन सभी लोगों को जिन्हें किसी भी प्रकार की मानसिक शारीरिक या बौद्धिक तनाव रहते हैं उन्हें विभिन्न प्रकार की धातु साथ में रखना अलग-अलग प्रभाव देता है। ऐसे में जब हम चांदी या सोने की सूर्य आकृति के धातु के लॉकेट पहनाते हैं तो वह ना केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में मददगार साबित होते हैं बल्कि सनातन संस्कृति के अनुसार सूर्य हमारी निर्णय क्षमता, साहस, बौद्धिक दक्षता और राजयोग कारक भी होता है। इन सभी गुणों को बच्चों में समाहित करने के लिए सूर्य की आकृति के यह लॉकेट गले में पहनाए जाते हैं।
उत्तर: सनातन संस्कृति में विभिन्न प्रकार के चिन्हों को गले में या बाजूबंद के रूप में लॉकेट के रूप में पहनने का बड़ा महत्व है। वैज्ञानिक रूप से देखें तो किसी प्रकार की धातु को शरीर पर पहनने का स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ा महत्व है। हर धातु में से रेडिएशन लगातार निकलते रहते हैं। ऐसा माना जाता है की तांबा, चांदी, सोना आदि ऐसे धातु हैं जो शरीर के साथ जोड़कर विभिन्न प्रकार के मानसिक और शारीरिक चुंबकीय तरंगे जो वातावरण के अंदर नॉर्थ पोल टू साउथ पोल बह रही होती हैं उनसे सही तारतम में बैठाने में मददगार साबित होते हैं। उन सभी लोगों को जिन्हें किसी भी प्रकार की मानसिक शारीरिक या बौद्धिक तनाव रहते हैं उन्हें विभिन्न प्रकार की धातु साथ में रखना अलग-अलग प्रभाव देता है। ऐसे में जब हम चांदी या सोने की सूर्य आकृति के धातु के लॉकेट पहनाते हैं तो वह ना केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में मददगार साबित होते हैं बल्कि सनातन संस्कृति के अनुसार सूर्य हमारी निर्णय क्षमता, साहस, बौद्धिक दक्षता और राजयोग कारक भी होता है। इन सभी गुणों को बच्चों में समाहित करने के लिए सूर्य की आकृति के यह लॉकेट गले में पहनाए जाते हैं।
आज का दैनिक राशिफल ज्यो पं चंदन श्याम नारायाण व्यास पंचांगकर्ता के साथ मेष — अपने परिजनों की करतूतों से परेशान रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग न मिलने से चिंता बढ़ेगी।नौकरी में अधिकारियों से तालमेल स्थापित ना होने से तनाव बढ़ेगा। संतान की उन्नति संभव है।
वृषभ— व्यापार विस्तार के लिए कर्ज की व्यवस्था सुगमता से होगी। भूमि से संबंधित निवेश शुभ रहेंगे।साझेदारी करने में विचार करें। पेट से संबंधित पीड़ा संभव है। आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी। मिथुन— संतान के विवाह में आ रही बाधा तनाव बढ़ा सकती है। सामाजिक गतिविधियों में शामिल होंगे। दोस्तों की मदद से रुके कार्य पूरे होंगे। प्रशासनिक विभाग से जुड़े लोगों के लिए समय उपयुक्त है।
कर्क— परिजनों द्वारा आपकी निंदा करी जाएगी। बहनों से संबंध मधुर होंगे। प्रेम प्रसंग में सफलता मिलेगी। नौकरी में मनचाही पदोन्नति से प्रसन्न रहेंगे। मौज मस्ती में समय व्यतीत होगा। पुराने मित्रों से भेंट होगी।
सिंह— राजनीति से जुड़े लोगों के लिए समय शुभ है। किसी उच्च अधिकारी से संबंध मजबूत होंगे। पूर्व में किए निवेश से लाभ होगा। पारिवारिक सुख समृद्धि बनी रहेगी। यात्रा के योग बन रहे हैं।
कन्या— आप कितना भी परिश्रम कर लें परिजन आपकी कभी तारीफ नहीं करेंगे। मन दुखी ना करें अपने समय का इंतजार करें। पिता से संबंध कमजोर होंगे। भाइयों द्वारा धोखा मिलने से दुखी रहेंगे।
तुला — आपके रहन-सहन से परिजन ना खुश होंगे। कार्यस्थल पर कर्मचारियों से योग्य सहयोग मिलेगा। व्यापार में नई तकनीकी का उपयोग लाभकारी साबित होगा। समय रहते जरूरी कागजात संभाल लेवें। वृश्चिक— अपनी कार्यक्षमता एवं काम करने के तरीकों से लोगों को प्रभावित करेंगे। मन की बात कह दें संकोच को त्यागें। अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। लंबी यात्रा के योग हैं।
धनु— समय रहते अपनी आदतों को सुधार लें। बुरी आदतों से स्वयं को बचाएं। आज पड़ोसियों से विवाद की स्थिति बनेगी। पूर्व में किए निवेश से लाभ होगा। व्यापार में आर्थिक लाभ के योग हैं। आलस की अधिकता रहेगी।
मकर— कार्य की अधिकता से निजी कार्य प्रभावित होंगे। व्यस्तता के कारण स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। मन में कोई संकोच या चिंता के कारण तनाव बना रहेगा। आंखों से संबंधित पीड़ा संभव है। कुंभ— संतानों में भेदभाव ना करें। सही को सही और गलत को गलत कहें। निजी जीवन में निर्णय लेने का समय आ गया है। संपत्ति से संबंधित विवाद सुलझा लेंगे। उच्च अधिकारियों से संबंध मधुर बनेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा।
मीन— अपनी कार्यकुशलता से सभी का दिल जीत लेंगे। राजनीति में उन्नति कारक योग बनेंगे। अपनी वाक शैली को बदलें। सुख-सुविधा के साधनों पर खर्च होगा। मकान की मरम्मत पर धन व्यय होगा। ग्रह-नक्षत्र ज्योतिर्विद: पंडित घनश्यामलाल स्वर्णकार के साथ
शुभ वि. सं: 2080
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: जिल्काद-11
अयन: उत्तरायण
ऋ तु: ग्रीष्म
मास: ज्येष्ठ
पक्ष: शुक्ल शुभ मुहूर्त: आज चित्रा नक्षत्र में विवाह (कात्यायनोक्त), व्रत बन्ध, गृहारम्भ, गृह-प्रवेश, देव-प्रतिष्ठा, विपणि-व्यापारारम्भ, मशीनरी प्रा., चूड़ा पहिनना, वाहनादि क्रय करना, विद्यारम्भ, अक्षरारम्भ, शल्य चिकित्सा, वधू-प्रवेश, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्णवेध, रामसुर प्रतिष्ठा, सगाई व रोका आदि के यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त हैं। द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि दोपहर बाद 1-40 बजे तक, तदन्तर त्रयोदशी जया संज्ञक तिथि है। द्वादशी तिथि में सभी चर-स्थिर कार्य, विवाह आदि मांगलिक कार्य, जनेऊ आदि शुभ होते हैं, पर तेल लगाना व यात्रा शुभ नहीं हैं। त्रयोदशी तिथि में यात्रा, प्रवेश, युद्ध, वस्त्र, अलंकार व अन्य मांगलिक कार्यादि शुभ होते हैं, जनेऊ को छोडक़र।
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: जिल्काद-11
अयन: उत्तरायण
ऋ तु: ग्रीष्म
मास: ज्येष्ठ
पक्ष: शुक्ल शुभ मुहूर्त: आज चित्रा नक्षत्र में विवाह (कात्यायनोक्त), व्रत बन्ध, गृहारम्भ, गृह-प्रवेश, देव-प्रतिष्ठा, विपणि-व्यापारारम्भ, मशीनरी प्रा., चूड़ा पहिनना, वाहनादि क्रय करना, विद्यारम्भ, अक्षरारम्भ, शल्य चिकित्सा, वधू-प्रवेश, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्णवेध, रामसुर प्रतिष्ठा, सगाई व रोका आदि के यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त हैं। द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि दोपहर बाद 1-40 बजे तक, तदन्तर त्रयोदशी जया संज्ञक तिथि है। द्वादशी तिथि में सभी चर-स्थिर कार्य, विवाह आदि मांगलिक कार्य, जनेऊ आदि शुभ होते हैं, पर तेल लगाना व यात्रा शुभ नहीं हैं। त्रयोदशी तिथि में यात्रा, प्रवेश, युद्ध, वस्त्र, अलंकार व अन्य मांगलिक कार्यादि शुभ होते हैं, जनेऊ को छोडक़र।
श्रेष्ठ चौघडिय़ा: आज सूर्योदय से प्रात: 7-19 तक शुभ, पूर्वाह्न 10-43 बजे से अपराह्न 3-48 बजे तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं 5-30 बजे से सूर्यास्त तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11-57 बजे से दोपहर 12-51 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
दिशाशूल: गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चंद्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: दोपहर बाद 1-30 बजे से अपराह्न 3-00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
चंद्रमा: चंद्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि तुला राशि में है। नक्षत्र: चित्रा ‘‘मृदु व तिङर््यंमुख’’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: 6-48 बजे तक, तदन्तर स्वाति ‘‘चर व तिङर््यंमुख’’ संज्ञक नक्षत्र है। चित्रा नक्षत्र में शान्ति, पुष्टता, वास्तु, अलंकार, वस्त्र, जनेऊ आदि विषयक कार्य और स्वाति नक्षत्र में देवालय व मांगलिक विवाह आदि सभी कार्य शुभ होते हैं।
योग: वरियान नामक नैसर्गिक शुभ योग सायं 6-59 बजे तक, तदुपरान्त परिघ नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। परिघ नामक योग की पूर्वाद्र्ध घटियां शुभ व मांगलिक कार्यों में त्याज्य हैं। करण: बालव नामकरण दोपहर बाद 1-40 बजे तक, तदन्तर कौलव व तैतिलादि करण क्रमश: है।
व्रतोत्सव: आज प्रदोष व्रत, चंपक द्वादशी (बंगाल) वट सावित्री व्रत प्रारम्भ (गुजरात), मुनि सुपाश्र्वनाथ जयन्ती (जैन), बच्चों का सुरक्षा दिवस आदि हैं। आज जन्म लेने वाले बच्चे आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (री, रु, रे, रो, ता) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि तुला है। तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं। इनका जन्म रजतपाद से है। समान्यत: ये जातक चित्रकला के शौकीन, कलाकार, नीतिकुशल, अभिनय में रुचि रखने वाले, व्यापार-व्यवसायादि निपुण, तथा आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 30 वर्ष की आयु तक होता है। तुला राशि वाले जातकों को आवश्यक तनाव रहेगा। स्वास्थ्य में कुछ परेशानी। वाहनादि के प्रयोग में सावधानी बरतें। अचानक चोट आदि का भय है।