अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने इस पूरे मामले को लेकर गवर्नेन्स पर सवाल उठाए हैं। पूनिया ने कहा कि इनकी सियासत के कारण राजस्थान में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। इनको खुद को पता नहीं चल रहा है कि करना क्या है। बच्चों की मौत को सियासी अखाड़ा बना दिया है। आपसी अंतरकलह के कारण राजस्थान की जनता का नुकसान हो रहा है। यह शब्द युद्ध बन्द होना चाहिये और राजस्थान की जनता के हित में काम होना चाहिए। आधे-अधूरे जनादेश के साथ काम शुरू करने के बाद अब हालात बिना सूत-कपास के जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा जैसे हो रहे हैं।
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है सरकार पूनियां ने राजस्थान में हुई बच्चों की मौत की तुलना गुजरात और तेलंगाना में हुई बच्चों की मौत से करने पर एतराज जताते हुये कहा कि बच्चों की मौत होना ही दुखद घटना है, इसमें प्रतिस्पर्धा उचित नहीं है। आंकड़ों में उलझाकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, लेकिन सरकार अपने उपमुख्यमंत्री की दी हुई सलाह को ना मानकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है।
टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन कर रही है कांग्रेस सीएए के विरोध पर गहलोत सरकार को नसीहत देते हुए पूनियां ने कहा कि 47 साल से ज्यादा सत्ता में रहने के बाद भी स्कूल, सड़क, चिकित्सा में जो सुधार होना चाहिए था, वो आप नहीं कर पाए। विस्थापितों को नागरिकता देने की आप वादे ही करते रहे, वो भी आप नहीं कर पाए। यह काम हमने किया और अब आप इसका विरोध करने के लिए देश के टुकड़े करने की मंशा रखने वाले वामपंथियों, नक्सलियों, अलगाववादियों का समर्थन करने लगे है।