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पत्रिका अलर्ट : पतंगोत्सव के शोर में घुट जाती हैं कइयों की सांसें

locationसूरतPublished: Jan 09, 2018 05:18:27 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

पतंग उड़ाने के उत्साह में भूले नहीं खुद की और दूसरों की सुरक्षा

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सूरत. सूरत सहित पूरे देशभर में मकर संक्रांति का पर्व हर साल उत्साह और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गुजरात में उत्साह के इस पर्व पर रंग में भंग उस समय पड़ जाता है, जब मांझा में उलझकर कई लोगों की हंसती खेलती जिंदगी काल के खूनी पंजे में जकड़ जाती है। कई लोग जिंदगी भर के लिए अपंग हो जाते हैं। कांच और चाइनीज मांझे के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। उत्तरायण के पर्व में कुछ ही दिन बाकी हैं। सूरत शहर के कई इलाकों में पतंगों और मांझे का बाजार सज गया है। लोगों ने खरीदारी भी शुरू कर दी है। यहां के कई परिवार ऐसे हैं, जिनके परिजनों के लिए मांझा काल बनकर आता है। चाइनीज और सीसायुक्त मांझे से कटने के कारण हर साल कई लोगों और पक्षियों की अकाल मौत हो जाती है। एक व्यक्ति की गलती दूसरों की जान पर भारी पड़ जाती है। पत्रिका का आह्वान है कि दूसरों की जिंदगी को बचाने के लिए सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है।
इनकी चली गई थी जान


– सिमाड़ा कृष्णापार्क सोसायटी निवासी छह वर्षीय केयूर हितेश पटोलिया मकर संक्रांति की सुबह पिता हितेश पटोलिया के साथ मोटरसाइकिल पर आगे बैठकर वराछा के एके रोड स्थित एक मंदिर में दर्शन के लिए गया था। कापोद्रा चौपाटी के पास से गुजरते समय केयूर के गले में पतंग का मांझा फंस गया। उसे पीपी सवाणी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

-उधना विजयानगर सोसायटी निवासी तीन वर्षीय आदित्य विजय झावरे पिता के साथ मोटरसाइकिल पर उधना क्षत्रपति मराठी स्कूल के सामने मेन रोड से जा रहा था। अचानक मांझा आदित्य के गले में फंस गया। घायलावस्था में उसे निर्मल अस्पताल में ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।

-14 जनवरी 2016 के दिन वराछा कारगिल चौक शिवशक्ति सोसायटी निवासी 55 वर्षीय कांति पादरिया के गले में राष्ट्रीय राजमार्ग आठ पर मांझा फंस गया था। अधिक रक्तस्राव होने से उनकी मौत हो गई।

-पिछले साल उधना प्रभुनगर निवासी 30 वर्षीय गुरुमुख रतीसिंह मोटरसाइकिल पर वराछा जा रहा था। उधना-सचिन बीआरटीएस रोड के पास एक कटी पतंग का मांझा उसकी मोटरसाइकिल के सामने आ गया। इसमें फंसने से उसकी दोनों आंख और नाक कट गई, आज भी वह निशान मौजूद है।
कई लोग हुए थे घायल


पिछले साल मकर संक्रांति के दौरान मांझे से घायल हुए पचास से अधिक लोगों को न्यू सिविल अस्पताल में और चालीस से अधिक लोगों को स्मीमेर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पांडेसरा आविर्भाव सोसायटी निवासी बलवंत आत्माराम पाटिल (५३) कड़ोदरा पुलिस थाने के सहायक उप निरीक्षक पिछले साल डिंडोली रोड से बाइक पर जा रहे थे तभी पतंग का मांझा उनके सामने आ गया, जिसमें उनके दोनों हाथ की अंगुली कट गई। पूणागाम चौर्यासी डेयरी के पास डिंपल नगर निवासी निखिल रविन्द्र ठाकुर (२४) बीआरटीएस रोड से गुजर रहा था, तभी गले में मांझा फंसने से घायल हो गया। उधना स्वामी नारायण मंदिर के पास हरीनगर तीन निवासी आलेख वर्ध नायक (२४) मोटरसाइकिल पर जा रहा था। गले में मांझा फंसने से घायल हो गया। इसी तरह घोड़दौड़ रोड आदर्श सोसायटी निवासी विपुल दीपक पटेल (२२) सोसियो सर्कल के पास मांझे में फंसने से घायल हो गया था।

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