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उछाल लूटकर कृष्ण जन्म की मनाई खुशियां, भव्य लवाजमें के साथ निकली शोभायात्रा

locationजयपुरPublished: Sep 04, 2018 11:05:37 pm

Submitted by:

Harshit Jain

-कृष्ण की लीलाओं को साकार करती निकली झांकियां

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उछाल लूटकर कृष्ण जन्म की मनाई खुशियां, भव्य लवाजमें के साथ निकली शोभायात्रा


जयपुर. कृष्ण नंदोत्सव के बाद सोमवार शाम को शहर के आराध्य देव गोविंद देव जी की सवारी भ्रमण पर निकली। हाथी, ऊंट, घोड़े के लवाजमें के साथ शोभायात्रा में आगे-आगे निशान का हाथी, बीच में कृष्ण की लीलाओं को साकार करती झांकियां थी। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में गोविंददेव जी की स्वर्ण मंडित चित्रमय झांकी आरती के बाद रवाना हुई। इस दौरान शुक सम्प्रदाय पीठाधीश्वरअलबेलीमाधुरी शरण, देवालय संरक्षण समिति के उपाध्यक्ष और लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर के महंत पुुरुषोत्तम भारती, सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने आरती उतारी। जौहरी बाजार में व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने भी आरती उतारी। बापू बाजारए चौड़ा रास्ताए त्रिपोलिया बाजारए छोटी चौपड़ए चांदपोल बाजारए बगरू वालों का रास्ता में भी जगह.जगह शोभायात्रा का स्वागत हुआ और आरती उतारी गई। शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से जलेबी चौक, हवामहल बाजार, बड़ी चौपड़, गणगौरी बाजार, राजा शिवदान का रास्ता होते हुए पुरानी बस्ती गोपीनाथ मंदिर पहुंची। वहीं भजन मंडलियां नाम कीर्तन करते हुए नजर आई। मंदिर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर जी को केसरिया रंग की पोशाक धारण करवाने के साथ ही फूलों का श्रृंगार और विशेष अलंकार धारण करवाए गए। आरती के बाद शोभायात्रा का समापन हुआ।
कृष्ण जन्म की मनाई खुशियां
नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की…, ‘यशोदा जायो ललना… जैसे बधाई गीतों पर खिलौने, मेवे, फल, टॉफी की उछाल लूटकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। इस दौरान पूरा माहौल कृष्ण की भक्ति और आस्था के रंग में डूबा हुआ नजर आया कृष्ण नंदोत्सव के दौरान। विभिन्न कृष्ण मंदिरों में जन्मोत्सव के बाद नंदोत्सव कार्यक्रमों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, कृष्ण बलराम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, अक्षरधाम मंदिर सहित शहर के विभिन्न मंदिरों में बधाई गीतों से सरोबार बड़ी संख्या में भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन किए। सुबह अधिवास तिल और यवदान के बाद उत्सव की शुरुआत हुई। गोविंद देव जी मंदिर में बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग उछाल को लूटने के लिए हाथ ऊंचे करते हुए नजर आए। इससे पहले यह सभी सामान ठाकुर जी के समक्ष अर्पित किए गए।
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