Krishna Janmashtami festival 2019 : जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में हो गई तैयारियां, ये रहेगा गोविंद देव जी मंदिर में झांकियों का समय ( Govind DevJi Temple )
जयपुर.Krishna Janmashtami 2019 : राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को जन्माष्टमी का अवकाश घोषित किया गया, लेकिन शहर में जन्माष्टमी का पर्व 24 अगस्त को मनाया जाएगा। कान्हा के स्वागत मेे छोटीकाशी में पलक पांवड़े बिछा दिए हैं। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी ( Bhadrapada Krishna Ashtami ) शनिवार को छोटीकाशी में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पं दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में चन्द्रमा, अमृतसिद्धि, सवार्थसिद्धि योग में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। मध्यरात्रि में कृष्णजन्मोत्सव के समय पांच ग्रहों का केन्द्र योग भी बनेगा।
निशुल्क प्रसादी मंच से दर्शर्नािथयों के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से लगभग एक लाख सागारी लड्डू का निशुल्क वितरण किया जाएगा। ठाकुरजी का शनिवार सुबह मंगला झांकी के बाद पंचामृत अभिषेक होगा। इसके बाद नवीन पीली पोशाक धारण कराई जाएगी। इसे एक माह में तैयार किया गया है। इसके बाद विशेष अलंकार धारण कराए जाएंगे। ठाकुरजी का विशेष प्रकार के फूलों से मनोरम श्रृंगार किया जाएगा।
गोविंद मिश्र रात 10 से 11 बजे तक श्रीजन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ करेंगे। मध्य रात्रि 12 बजे 31 हवाई गर्जनाओं की सलामी होगी तथा विशेष आतिशबाजी की जाएगी। रात्रि 12 बजे अभिषेक के लिए दर्शन खुलेंगे। 6 पंडित वेद पाठ करेंगे। शालिग्राम पूजन, पंच द्रव्य पूजन के बाद ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के लिए 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 बूरा,11 किलो शहद का उपयोग किया जाएगा। ठाकुरजी को पंजीरी, खीरसा, रबड़ी का भोग लगाया जाएगा।
शहर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर, जगतपुरा स्थित अक्षयपात्र मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, बनीपार्क के राधा दामोदरजी सहित अनेक कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी का उल्लास छाया हुआ है। रात को कृष्णभगवान का प्राकटयोत्सव मनाया जाएगा।इस अवसर पर सभी भक्तों को पंचामृत, पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा। साथ ही जन्मोत्सव से पूर्व बधाईगान सहित अन्य कार्यक्रम होंगे।
आराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर तो नंदलाला के आने की खुशी में नंदगांव बना हुआ है। शहर के मुख्य रास्तों में भी चहुंओर पीले पताका और बधाई के बैनर लगे हैं। बांदरवाल और पताकाओं से मंदिर नंदगांव की तरह सजा हुआ है। पूरा परिसर रंग-बिरंगी रोशनी से चमक रहा है। मंदिर परिसर ही नहीं सभी मुख्य बाजार भी सजाए गए हैं। यहां अनुमान के मुताबिक तीन से चार लाख भक्त दर्शन करेंगे।
ये रहेगा गोविंद देव जी मंदिर में झांकियों का समय ( Govind Dev Ji Temple Jaipur ) मंगला – सुबह 3:45 से 4:30 बजे धूप – सुबह 7:30 से 9:30 बजे शृंगार – सुबह 9:45 से 11:45 बजे
राजभोग आरती – सुबह 11:45 से दोपहर 1:30 बजे ग्वाल – दोपहर 4 से शाम 6:30 बजे संध्या – शाम 6:45 से रात 8:30 बजे शयन – रात 9:15 से 10:30 बजे
मंगला आरती – रात 11 से 11:15 बजे तिथि पूजा/अभिषेक – रात 12 से एक बजे तक जन्माष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त ( Shubh Muhurat ) जन्माष्टमी तिथि -23 और 24 अगस्त अष्टमी तिथि की शुरुआत- 23 अगस्त सुबह 8.09 बजे से अष्टमी तिथि का समापन -24 अगस्त सुबह 8.32 बजे तक रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ -24 अगस्त सुबह 3.48 बजे से रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति-25 अगस्त सुबह 4.17 बजे तक
यह रहेगी आने जाने की व्यवस्था मंगला झांकी से प्रवेश और निकास की व्यवस्था लागू होगी। प्रवेश के लिए तीन लाइनों में व्यवस्था की है। एक लाइन में पास धारक, दूसरी में आमजन बिना चप्पल जूते प्रवेश कर सकेंगे तथा तीसरी लाइन में आमजन जूता चप्पल सहित प्रवेश कर सकेंगे। जलेब चौक से आने वाले दर्शर्नािथयों की निकासी व्यवस्था जय निवास बाग से पूर्वी गेट से होगी। जो दर्शनार्थी ब्रह्मपुरी, कंवर नगर की ओर से आएंगे वे चिंताहरण हनुमानजी मंदिर होते हुए जय निवास बाग के पश्चिम द्वार से निकास करेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार एवं निकास कुआं द्वार पर शहनाई वादन होगा।