गांधी नगर में 62 और पानीपेच में 69 श्रमिक मिले
गांधी नगर के सीनियर सैंकेडरी स्कूल और पानीपेच स्थित राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल को शेल्टर होम में तब्दील किया गया है। दोनों शेल्टर होम में श्रमिकों की देखरेख के लिए जिला प्रशासन के तीन-तीन कार्मिकों को नियुक्त किया गया है। पुलिस और एनजीओ से जुड़े लोग भी यहां तैनात हैं।
जिला प्रशासन ने इन शेल्टर होम के कमरों में ज्यादा भीड़ न हो और सोशल डिस्टेंस बना रहे इसके लिए एक-एक रूम में चार से पांच श्रमिकों को ही ठहराया है। इन्हें भी एक-एक मीटर दूरी बनाए रखने को कहा गया है।
पानीपेच शेल्टर होम में तैनात पटवारी मनोज फौजदार से बात करने पर पता चला है कि इस स्कूल के अधिकांश कमरे काफी बड़े हैं, जिनमें इन श्रमिकों को ठहराया गया है। इनके खाने-पीने से लेकर चिकित्सा जांच तक हो रही है। इसी बीच कालवाड़ तहसीलदार भी पानीपेच शेल्टर होम का जायजा लेते नजर आए।
शेल्टर होम में श्रमिकों को भामाशाह और स्वयंसेवी संगठनों की ओर से दो वक्त का भोजन और सुबह चाय-नाश्ता दिया जाता है। श्रमिक परिसर से बाहर न निकले इसके लिए यहां पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है।
इन शेल्टर होम में जब इन मजदूरों से बात की गई तो इनका कहना था कि यहां वैसे तो किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें डर है कि अगर लॉकडाउन लंबा चला तो क्या करेंगे। अगर सरकार उन्हें उनके घर भेज दे तो ज्यादा सही है, क्योंकि उनके परिवार वाले उन्हें लेकर बेहद परेशान हैं।