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ग्राउंड रिपोर्टः शेल्टर होम में रुके श्रमिक जाना चाहते हैं घर

locationजयपुरPublished: Apr 01, 2020 10:33:35 am

Submitted by:

firoz shaifi

पलायन कर रहे मजदूरों को रोकने के लिए जयपुर शहर में बनाए गए हैं 16 शेल्टर होम, गांधी नगर और पानीपेच शेल्टर होम की पड़ताल में बोले मजदूर, सरकार दे रही सभी सुविधाएं फिर भी घर भेजे तो ज्यादा बेहतर, भामाशाहों और स्वयंसेवी संगठन कर रहे हैं शेल्टर होम में पूरी मदद

shelter home

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फिरोज सैफी/जयपुर।

पलायन कर रहे मजदूरों के जाने पर पाबंदी के बाद उन्हें यहीं रोकने के लिए जयपुर जिला प्रशासन की ओर से राजधानी में 16 स्थानों पर शेल्टर होम बनाए गए हैं। इन शेल्टर होम में पलायन कर श्रमिकों को ठहराया गया है। जिला प्रशासन के साथ ही भामाशाह और स्वयंसेवी संगठन यहां रह रहे मजदूरों के खाने-पीने और हर जरुरत का ख्याल रख रहे हैं।
हालांकि इसके बावजूद भी यहां ठहरे श्रमिक अपने घर जाना चाहते हैं, श्रमिकों का कहना है कि शेल्टर होम में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं लेकिन अगर सरकार हमें हमारे घर भेज दे तो ज्यादा बेहतर है। मंगलवार शाम को पत्रिका टीवी संवाददाता ने गांधी नगर और पानीपेच शेल्टर होम की मौके पर जाकर पड़ताल की।

गांधी नगर में 62 और पानीपेच में 69 श्रमिक मिले
गांधी नगर के सीनियर सैंकेडरी स्कूल और पानीपेच स्थित राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल को शेल्टर होम में तब्दील किया गया है। दोनों शेल्टर होम में श्रमिकों की देखरेख के लिए जिला प्रशासन के तीन-तीन कार्मिकों को नियुक्त किया गया है। पुलिस और एनजीओ से जुड़े लोग भी यहां तैनात हैं।
गांधी नगर शेल्टर होम में मंगलवार शाम तक 62 और पानीपेच शेल्टर होम में 69 श्रमिक मिले। दोनों ही शेल्टर होम में अधिकांश श्रमिक यूपी और बिहार से हैं जो सीकर, विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरी करते थे।
चार से पांच लोगों को ठहराया गया है एक रूम में
जिला प्रशासन ने इन शेल्टर होम के कमरों में ज्यादा भीड़ न हो और सोशल डिस्टेंस बना रहे इसके लिए एक-एक रूम में चार से पांच श्रमिकों को ही ठहराया है। इन्हें भी एक-एक मीटर दूरी बनाए रखने को कहा गया है।

पानीपेच शेल्टर होम में तैनात पटवारी मनोज फौजदार से बात करने पर पता चला है कि इस स्कूल के अधिकांश कमरे काफी बड़े हैं, जिनमें इन श्रमिकों को ठहराया गया है। इनके खाने-पीने से लेकर चिकित्सा जांच तक हो रही है। इसी बीच कालवाड़ तहसीलदार भी पानीपेच शेल्टर होम का जायजा लेते नजर आए।
दो वक्त भोजन और नाश्ता मिल रहा श्रमिकों
शेल्टर होम में श्रमिकों को भामाशाह और स्वयंसेवी संगठनों की ओर से दो वक्त का भोजन और सुबह चाय-नाश्ता दिया जाता है। श्रमिक परिसर से बाहर न निकले इसके लिए यहां पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है।
श्रमिकों में डर लॉक डाउन लंबा चला तो क्या करेंगे
इन शेल्टर होम में जब इन मजदूरों से बात की गई तो इनका कहना था कि यहां वैसे तो किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें डर है कि अगर लॉकडाउन लंबा चला तो क्या करेंगे। अगर सरकार उन्हें उनके घर भेज दे तो ज्यादा सही है, क्योंकि उनके परिवार वाले उन्हें लेकर बेहद परेशान हैं।
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