न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने इन जमीनों से संबंधित तीन अपीलों को आंशिक स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार तीनों गांवों में इन कंपनियों को आंवटित भूमि की समीक्षा करे। साथ ही, यह सुनिश्चित करे कि काश्तकारों, ग्रामीणों और सार्वजनिक उपयोग वाली भूमि के संबंध में उनके हितों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं हो। इनसे सबंधित भूमि को आवंटन से बाहर कर दिया जाए। काश्तकारों की जमीन तथा आबादी तक एप्रोच के लिए आवश्यक भूमि को भी आवंटन से अलग किया जाए। 6 सप्ताह में प्रक्रिया पूरी कर उद्देश्य सहित भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जाए।
यह था मामला
अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने नेड़ान गांव में आवंटन को चुनौती देते हुए कहा कि पोकरण के उपखंड अधिकारी ने वर्ष 2006 में किसानों से भूमि आवंटन के लिए आवेदन मांगे थे। राज्य अक्षय ऊर्जा निगम की सिफारिश पर राजस्व विभाग ने 6115 बीघा भूमि अडाणी रिन्युबल एनर्जी पार्क कंपनी को आवंटित करने की मंजूरी दी। नागणेची नगर तथा उग्रास गांव की जमीन को लेकर विवाद यह था कि दशकों से खेती करने वाले अपने पक्ष में नियमन चाहते थे, लेकिन सरकार ने कंपनियों के पक्ष में आवंटन कर दिया।