राजस्थान मुद्रांक अधिनियम 1998 की अनुसूूची के आर्टिकल 21 के तहत सम्पत्ति के कब्जा सौंपने वाले इकरारनामे (एग्रीमेंट) पर मुद्रांक शुल्क लगेगा। भारतीय पंजीयन अधिनियम 1908 की धारा 17 में उल्लेख है कि अचल सम्पत्ति के स्वामित्व का हस्तानांतरण का पंजीयन अनिवार्य है।
जयपुर में ही 200 से ही अधिक सोसायटियां हैं, जिन्होंने हजारों कॉलोनियां विकसित की हैं। स्थापना के समय से ही कृषि भूमि के खातेदार से सोसायटी एग्रीमेंट करती है। जमीन का बेचान सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज ही नहीं होता, जिससे सोसायटी को पंजीयन शुल्क नहीं देना पड़ता। जबकि जमीन का स्वामित्व बदलने की स्थिति में पंजीयन शुल्क का प्रावधान है।
समितियों के फर्जीवाड़े को लेकर हाइकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही एजी ने नवयुवक गृह निर्माण सहकारी समिति की ऑडिट की तो स्टाम्प चोरी सामने आई। रेवन्यू इंटेलीजेंस ने इस सोसाइटी के 237359 वर्गमीटर भूमि के सौदे को अपंजीकृत विक्रय मानते हुए 1 करोड़ 30 लाख 57 हजार रुपए की राजस्व हानि मानी।