अस्पताल परिसर में गेट नंबर दो और गेट नंबर तीन से सौ मीटर की दूरी पर मोतीडूंगरी थाने की पुलिस चौकी है। पुलिस भी कई बार यहां से गुजरती है, लेकिन पुलिस को लपके दिखते ही नहीं है।
अस्पताल कर्मचारियों ने बताया कि निजी दवा विक्रेताओं ने कमीशन पर लपकों को तैनात किया हुआ है। एक पर्ची पर 15 से 20 प्रतिशत और कुछ दुकानदार एक दिन की बिक्री में हिस्सा देते हैं। एक लपके ने बताया कि उसे एक दुकान संचालक ने 15 हजार रुपए मासिक वेतन पर रखा हुआ है। तीस-चालीस लपकों का समूह गेट नंबर 3, गेट नंबर 2, धन्वंतरि परिसर, बांगड़ में घूमते रहते हैं।
टीम ने लपकों को कैमरे में कैद करते हुए दवा की दुकान तक पीछा किया। लपके पर्ची सहित परिजनों को अंडर ग्राउंड में बनी दुकानों तक पहुंचा दिया और वापस ऊपर उसी जगह पर आ गया। फोटो खींचने का पता चलने पर लपके मुंह छिपाते नजर आए।