scriptजयपुर में मासूमों पर गर्मी का कहर, आए बीमारियों की चपेट, जेके लोन में बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती | Large number of children recruited in hospital ill with heat in jaipur | Patrika News

जयपुर में मासूमों पर गर्मी का कहर, आए बीमारियों की चपेट, जेके लोन में बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती

locationजयपुरPublished: Jun 05, 2019 10:58:36 pm

बीमार बच्चों से भरे अस्पताल, दिल-दिमाग के मरीजों पर भी असर

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जयपुर में मासूमों पर गर्मी का कहर, आए बीमारियों की चपेट, जेके लोन में बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती

विकास जैन / जयपुर. राजधानी जयपुर में भीषण गर्मी ने लोगों का दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है। बच्चे और बड़े बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। उल्टी-दस्त व न्यूरोलॉजिकल बीमारियों सहित दिल के मरीजों पर भी असर पड़ रहा है। गर्मी से बीमार होकर बड़ी संख्या में बच्चे सवाई मानसिंह अस्पताल, जेके लोन अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इस समय सबसे अधिक मरीज थकान, बैचेनी, घबराहट के शिकार होकर पहुंच रहे हैं। दिल के रोगियों को भी इस मौसम में बड़ी परेशानी हो रही है। हालांकि ऐसे रोगी अभी ओपीडी में इलाज के तौर पर ही आ रहे हैं।

बच्चों पर सबसे अधिक मार

जेके लोन अस्पताल में इन दिनों 50 से अधिक बच्चे गर्मी के कारण आकर भर्ती हुए हैं। सवाईमाधोपुर के आमिश को तेज बुखार और उल्टी-दस्त की शिकायत पर यहां लाया गया। पांच साल का आरव बुखार, पेट दर्द और उल्टी-दस्त से परेशान है। आर्यन को दस्त और बुखार के साथ शरीर पर दानों की समस्या है।

पानी और नमक की कमी से दिल और दिमाग पर असर
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी और नमक की कमी के कारण परेशानी होती है। मस्तिष्क का एक केन्द्र जो तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। लाल रक्त वाहिनियां टूट जाती हैं और कोशिकाओं में पाया जाने वाला पोटेशियम लवण रक्त संचार में आ जाता है। इससे हृदय गति, शरीर के अन्य अवयव व अंग प्रभावित होकर लू-तापघात के मरीज की जान के लिए खतरा हो जाते हैं। मनोरोग विशेषज्ञों के अनुसार भीषण गर्मी में मनोरोगियों के मानसिक संतुलन पर भी असर पड़ता है।
ओपीडी में बढ़ी मरीजों की संख्या
एसएमएस अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. शशिमोहन शर्मा ने बताया कि थकान, बैचेनी और घबराहट की शिकायत के साथ मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। शरीर में नमक और पानी की कमी के कारण ऐसे मरीज बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में तापमान कम नहीं होने पर इस तरह के मरीजो की स्थिति गंभीर भी होने की आशंका रहेगी।
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