बच्चों पर सबसे अधिक मार जेके लोन अस्पताल में इन दिनों 50 से अधिक बच्चे गर्मी के कारण आकर भर्ती हुए हैं। सवाईमाधोपुर के आमिश को तेज बुखार और उल्टी-दस्त की शिकायत पर यहां लाया गया। पांच साल का आरव बुखार, पेट दर्द और उल्टी-दस्त से परेशान है। आर्यन को दस्त और बुखार के साथ शरीर पर दानों की समस्या है।
पानी और नमक की कमी से दिल और दिमाग पर असर
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी और नमक की कमी के कारण परेशानी होती है। मस्तिष्क का एक केन्द्र जो तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। लाल रक्त वाहिनियां टूट जाती हैं और कोशिकाओं में पाया जाने वाला पोटेशियम लवण रक्त संचार में आ जाता है। इससे हृदय गति, शरीर के अन्य अवयव व अंग प्रभावित होकर लू-तापघात के मरीज की जान के लिए खतरा हो जाते हैं। मनोरोग विशेषज्ञों के अनुसार भीषण गर्मी में मनोरोगियों के मानसिक संतुलन पर भी असर पड़ता है।
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी और नमक की कमी के कारण परेशानी होती है। मस्तिष्क का एक केन्द्र जो तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। लाल रक्त वाहिनियां टूट जाती हैं और कोशिकाओं में पाया जाने वाला पोटेशियम लवण रक्त संचार में आ जाता है। इससे हृदय गति, शरीर के अन्य अवयव व अंग प्रभावित होकर लू-तापघात के मरीज की जान के लिए खतरा हो जाते हैं। मनोरोग विशेषज्ञों के अनुसार भीषण गर्मी में मनोरोगियों के मानसिक संतुलन पर भी असर पड़ता है।
ओपीडी में बढ़ी मरीजों की संख्या
एसएमएस अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. शशिमोहन शर्मा ने बताया कि थकान, बैचेनी और घबराहट की शिकायत के साथ मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। शरीर में नमक और पानी की कमी के कारण ऐसे मरीज बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में तापमान कम नहीं होने पर इस तरह के मरीजो की स्थिति गंभीर भी होने की आशंका रहेगी।
एसएमएस अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. शशिमोहन शर्मा ने बताया कि थकान, बैचेनी और घबराहट की शिकायत के साथ मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। शरीर में नमक और पानी की कमी के कारण ऐसे मरीज बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में तापमान कम नहीं होने पर इस तरह के मरीजो की स्थिति गंभीर भी होने की आशंका रहेगी।