समाचार लिखे जाने तक पीसीआर मौके पर पहुंची थी। हालांकि भांकरोटा थानाधिकारी ने किसी भी मामले से इनकार किया है। पकड़े गए संदिग्ध अनिरुद्ध मंडल (32), संजय शेख (23) हाल मुकुंदपुरा कच्ची बस्ती मूलत: बांग्लादेश के रहने वाले हैं। उनके साथ एक युवती को भी पकड़ा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रात 10.30 बजे स्थानीय कमलेश व उसका साथी हनुमान मंदिर के पास से गुजर रहे थे। तभी उन्हें संदिग्ध से दिखने वाले दो व्यक्ति नजर आए। दोनों ने शराब पी रखी थी।
पूछताछ करने पर कभी खुद को बिहार तो कभी पश्चिम बंगाल का बताया। शोर-शराबा सुन आस-पास वाले भी एकत्र हो गए। जब लोगों ने सख्ती दिखाना शुरू किया तो उन्होंने स्वीकारा कि वे पिछले दो माह से कच्ची बस्ती में ही मकान लेकर रह रहे हैं। उनके साथ 8 युवतियां भी आई हुई हैं।
हालांकि ये युवतियां कहां से आई ये नहीं बता पाए। इसी बीच वहीं से भाग रहे संजय शेख और एक युवती को लोगों ने पकड़ लिया। उधर, सूचना पर पहुंची पीसीआर ने भी तीनों से पूछताछ की।
उनमें से 45 साल के एक शख्स को पुलिस ने पूछताछ के बाद रवाना कर दिया। यह वही शख्स था जो हनुमान मंदिर के पास अनिरुद्ध के साथ बैठा था। उनके पास से लोगों को मोबाइल व कोलकाता का आधार कार्ड मिला है।
हम तो सिर्फ दलाल
दोनों का कहना है कि वे किसी कमाल नाम के शख्स के लिए काम करते हैं। उसने ही युवतियों और उनको मकान दिलवा रखा है। युवतियों की देखभाल का जिम्मा उन पर है। उनके मुताबिक 5 लड़कियां अब भी मकान में हैं जबकि तीन किसी के पास गई हुई हैं।
दोनों का कहना है कि वे किसी कमाल नाम के शख्स के लिए काम करते हैं। उसने ही युवतियों और उनको मकान दिलवा रखा है। युवतियों की देखभाल का जिम्मा उन पर है। उनके मुताबिक 5 लड़कियां अब भी मकान में हैं जबकि तीन किसी के पास गई हुई हैं।
देर रात मकान पर भी पहुंची पुलिस
रात 12 बजे भांकरोटा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और अनिरुद्ध,संजय के साथ कच्ची बस्ती उस मकान पर भी गई जिसके बारे में बताया गया था कि वहां लड़कियां छिपाकर रखी गई थीं। लेकिन वहां कोई नहीं मिला। हालांकि लोगों का कहना है कि पुलिस जाते-जाते धमका गई कि बेवजह परेशान करने वालों को वह देख लेगी।
रात 12 बजे भांकरोटा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और अनिरुद्ध,संजय के साथ कच्ची बस्ती उस मकान पर भी गई जिसके बारे में बताया गया था कि वहां लड़कियां छिपाकर रखी गई थीं। लेकिन वहां कोई नहीं मिला। हालांकि लोगों का कहना है कि पुलिस जाते-जाते धमका गई कि बेवजह परेशान करने वालों को वह देख लेगी।