भीलवाड़ा में दो जवानों की मौत मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लेकर रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल तक ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजे-बेनीवाल सहित अन्य नेताओं ने भी बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को कटघरे में लेते हुए आड़े हाथ लिया है।
अब तो खुद पुलिस जवान ही सुरक्षित नहीं: राजे
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भीलवाड़ा में हथियारबंद तस्करों से हुई मुठभेड़ में पुलिस जवान ओंकार रेबारी और पवन चौधरी की शहादत पर दुःख जताया है। उन्होंने दोनों दिवंगत पुलिसकर्मियों की वीरता और साहस को सलाम करते हुए सरकार को निशाने पर लिया है।
राजे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अब आमजन और महिलाएं तो क्या, खुद पुलिस के जवान ही सुरक्षित नहीं है। वहीं हत्या, बलात्कार, तस्करी और डकैती की घटनाएं यहां आम बात हो चुकी हैं। उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए पूछा, ‘प्रदेश में अपराध पर लगाम कब लगेगी? जवाब दो सरकार!’
इंटेलिजेंस फेल्योर की बानगी है घटना: बेनीवाल
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया सांसद हनुमान बेनीवाल ने पूरी घटना को इंटेलिजेंस फेल्योर बताया है। सांसद ने कहा कि ये घटना ऐसे समय में हुई है जब एक दर्जन मंत्री और 40 विधायक इस वक्त भीलवाड़ा जिले में हैं। पुलिस का जो तंत्र है वो रात को एक सिपाही शहीद हो जाने के बाद भी गंभीर नहीं होता और कुछ समय बाद ही एक और सिपाही अपराधियों की गोलियों से शहीद हो जाता है। राजस्थान प्रदेश में बदमाश बेख़ौफ़ हैं और यहाँ जंगलराज की स्थिति बनी हुई है।
अपराधियों में कानून व्यवस्था का भय ही नहीं: चौधरी
केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भीलवाड़ा में नाकाबंदी के दौरान दो स्थानों पर तस्करों फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों के शहीद होने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह प्रदर्शित करता है कि कानून व्यवस्था का अपराधियों में किसी प्रकार का कोई भय नहीं है। सरकार और प्रशासन घटना के आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार करके सख्त से सख्त कार्यवाही करे।
बदहाल कानून व्यवस्था का नतीजा है घटना: राठौड़
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि भीलवाड़ा में नाकेबंदी के दौरान तस्करों द्वारा हुई अंधाधुंध फायरिंग में पुलिस के जवान ओंकार रेबारी और पवन चौधरी के जान गंवाने की घटना राज्य में बदहाल कानून व्यवस्था का नतीजा है। प्रदेश में कानून व्यवस्था सबसे बुरे दौर से गुजर रही है जहां महिला, दलित, व्यापारी, पुजारी व खुद पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। बेखौफ तस्करों द्वारा प्रशासन को खुलेआम चुनौती देने वाली यह घटना अति दुःखद, शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण है।