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राजस्थान में सोमालिया जैसे हालात, क्या गृह मंत्री को पद पर रहने का हक़ है?: डॉ सतीश पूनिया

locationजयपुरPublished: Oct 26, 2020 12:16:26 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

प्रदेश में फिर गर्माया कानून व्यवस्था का मुद्दा, अलवर में सेल्समैन को ज़िंदा जलाने के मामले ने पकड़ा तूल, भाजपा ने सरकार और मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर उठाये सवाल, गृह मंत्री का जिम्मा संभाल रहे मुख्यमंत्री पर निशाना, पूनिया-राठौड़ ने घटनाओं की पुनरावृति पर जताई चिंता, मुख्यमंत्री से मांग- ‘अपराधियों को कड़ी सजा दी जाए’

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जयपुर।

अलवर जिले में एक सेल्समैन को ज़िंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिए जाने के वीभत्स घटना के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। भाजपा नेताओं ने सरकार को चौतरफा घेरते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधे बयानी वार किये हैं। गौरतलब है कि क़ानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी बतौर गृह मंत्री सीएम गहलोत ही संभाल रहे हैं। ऐसे में विरोधी दल के निशाने पर इस बार भी मुख्यमंत्री ही हैं।
‘सोमालिया में रह रहे हैं’

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने करौली के बाद अब अलवर में एक व्यक्ति को ज़िंदा जलाए जाने के मामले पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रदेश में क़ानून व्यवस्था की स्थिति की तुलना अफ्रीकी देशों से कर डाली है। एक बयान जारी करते हुए डॉ पूनिया ने कहा, ‘करौली जिले में पुजारी को जिंदा जलाने की घटना के बाद अलवर में सेल्समैन को जिंदा जलाने की घटना जानकार ऐसा लगता है कि हम अफ्रीका के सोमालिया जैसे देश में रह रहे हैं, जहां कानून नाम की कोई व्यवस्था नहीं है।‘
पूनिया ने गृह मंत्री गहलोत की कार्यशैली को कटघरे में रखा और सवाल किया कि ‘क्या गृहमंत्री गहलोत को अपने पद पर रहने का हक है?’

‘घटनाओं की पुनरावृति चिंता का विषय’

इधर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने अलवर में सामने आई रौंगटे खड़े कर देते वाली घटना को अमानवीय और शर्मनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि करौली में पुजारी को जिंदा जलाने के महज 18 दिन बाद अलवर में सेल्समैन जिंदा जलाकर मारने की घटना दिल दहलाने वाली है। राज्य में ऐसी आपराधिक घटनाओं की पुनरावृत्ति चिंता का विषय है।
‘शासन अब कुशासन में बदला’

राठौड़ ने कहा, ‘प्रदेश में अमानवीय व क्रूरता के साथ बढ़ते अपराध बार-बार साबित कर रहे हैं कि कांग्रेस सरकार का शासन अब कुशासन व जंगलराज में बदल चुका है। कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग है कि ऐसे नृशंस कृत्य को अंजाम देने वाले अपराधियों को कड़ी सजा दी जाए।‘
‘बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ’

वहीं एक प्रदेश में अपराध के बढ़ते ग्राफ पर भी राठौड़ ने सरकार और मुख्यमंत्री की कार्यशैली को कटघरे में रखा। उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस राज में राजस्थान की कानून व्यवस्था किस प्रकार लड़खड़ाई हुई है, यह बात किसी से छुपी नहीं है। प्रदेश में रोजना बेटियों और महिलाओं से बलात्कार, गैंगरेप, हत्या, अपहरण जैसे अपराधिक मामले होना शर्मनाक है। इन अपराधों के ग्राफ में बढ़ोत्तरी चिंता का विषय है।
‘अपराधियों के हौंसले बुलंदी पर’

उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट में दुष्कर्म की घटनाओं में पहले पायदान पर बने राजस्थान में अपराधियों के हौंसले बुलंदी पर हैं। आखिरकार कब तक महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत जी गंभीर होंगे? ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए।‘
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