जयपुर में जी क्लब फायरिंग मामले में भी इसी तरह का पैटर्न सामने आया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजयपाल लांबा ने बताया कि वांटेड रितिक ने हनुमानगढ़ में व्यापारी पर हुई फायरिंग के बाद सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद इस पोस्ट को आगरा निवासी प्रदीप शुक्ला ने लाइक किया। उसके बाद रितिक ने वाट्सऐप कॉल के जरिए प्रदीप से संपर्क किया।
प्राथमिक पूछताछ में प्रदीप ने बताया कि वह सट्टा लगवाने का काम करता था। उस पर 30 लाख रुपए का कर्जा हो गया था। रोहित से जब वॉटसएप कॉल बात हुई तो इस बात का जिक्र प्रदीप ने किया। इसके बाद फिर प्रदीप इस जाल में फंस गया। रोहित ने पूछा किया कि क्या वह किसी को गोली मार सकता है। तो इंकार कर दिया लेकिन केवल हवाई फायर करने के बदले कर्जा उतरवाने का जिम्मा लिया तो प्रदीप तैयार हो गया।
चंडीगढ़ में पेड़ के नीचे मिला हथियार और पैसा
राजधानी के क्लब पर फायरिंग करने के लिए जब प्रदीप तैयार हो गया तो रितिक ने उसे हथियार लेने के लिए चंडीगढ़ भेज दिया। यहां उसे एक खास पेड़ के पास पहुंचने को कहा गया और जब वह उस खास पेड़ के पास पहुंचा तो उसे वहां 39 हजार रुपए, हथियार और फिर कारतूस मिल गए। इसके बाद प्रदीप ने वारदात के लिए आगरा के भूपेन्द्र गुर्जर को शामिल किया। रितिक ने ही जयपुर में बीकानेर से आए बालअपचारी ऋषभ के मिलने की जानकारी दी थी।
ऑनलाइन पेशी, न्यायिक अभिरक्षा में हो रहा इलाज
पुलिस की गोली लगने से घायल तीनों शूटर एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं। शूटर प्रदीप की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने एसएमएस अस्पताल से दोनों शूटर को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश किया, जहां से दो शूटर को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए। वहीं बालअपचारी को बाल सुधार गृह भेजने के आदेश दिए। अभी तीनों का इलाज चल रहा है।
थाईलैंड व मलेशिया से बनाते फर्जी पासपोर्ट
बदमाश थाईलैंड व मलेशिया की एक गैंग से फर्जी पासपोर्ट बनवा रहे हैं। ये बदमाश भारत से नेपाल पहुंचकर थाईलैंड व मलेशिया पहुंच जाते। बाद में फर्जी पासपोर्ट से अन्य दूसरे देश में पहुंच जाते। गैंग फर्जी पासपोर्ट बनाने के लिए दूसरे देश की नागरिकता के फर्जी दस्तावेज भी बना रही है। जयपुर के वांटेड बदमाशों की जानकारी के लिए अन्य सुरक्षा एजेन्सियों से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
-आनंद श्रीवास्तव, आयुक्त, जयपुर पुलिस आयुक्तालय