मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहान्ती की अध्यक्षता में कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए उच्च न्यायालय में गुरुवार को बैठक हुई थी। इस बैठक में बार काउंसिल और बार एसोसिएशन ने न्यायालय बंद रखने की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश ने आवश्यक मामलों की सुनवाई जारी रखने की बात कही थी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने वकीलों की सुविधा के लिए ईमेल, अधिकारिक साइट पर भी सुविधा दी लेकिन इसके बाद भी वकीलों ने न्यायालय में नहीं जाने का फैसला कर लिया था। शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने अति आवश्यक प्रकृति के मामलों की सुनवाई की लेकिन इस दौरान वकील न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए।
पक्षकारों को छूट वकीलों को रोका न्यायालय में शुक्रवार को वकीलों को जाने से बार पदाधिकारियों ने रोक दिया। इसका कुछ वकीलों ने विरोध भी किया। कुछ मामलों में पक्षकार न्यायालय में उपस्थित रहे। वैसे न्यायालय ने साफ कर दिया था कि वकील की अनुपस्थिति पर विपरित आदेश नहीं दिया जाएगा।
इनका कहना है मैं न्यायमित्र के नाते अदालत में जा रहा था लेकिन बार पदाधिकारियों ने रोक दिया। मेरा मामला शहर की सफाई से जुड़ा हुआ था। अदालत से सफाई को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी होते तो कोरोना संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सकती थी। निगम आयुक्त भी न्यायालय आए थे लेकिन वे भी नहीं जा सके। मैनें बाहर ही निगम आयुक्त को सफाई को लेकर आवश्यक कदम उठाने का निवेदन किया है।
एडवोकेट विमल चौधरी
एडवोकेट विमल चौधरी