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नेता अंकल, हमें खेल का मैदान चाहिए

locationजयपुरPublished: Oct 23, 2018 01:49:48 am

चुनाव में बच्चों की मांग

jaipur

नेता अंकल, हमें खेल का मैदान चाहिए

जयपुर. विधानसभा चुनाव की विभिन्न स्तरों पर तैयारी के बीच इस बार राज्य के बच्चों ने भी अपना मांगपत्र तैयार किया है। बच्चे यह मांगपत्र मंगलवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष रखेंगे। इसके लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम नारायण सिंह सर्कल स्थित तोतुका सभागार में होगा। बच्चों की मुख्य मांगों में यह भी शामिल है कि हमें खेल के मैदान चाहिए।
राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण साझा अभियान और इससे जुड़ी 160 से अधिक संस्थाओं की पहल पर जुटे बच्चों ने अपनी अपेक्षाएं चिह्नित की हैं। बच्चों का दबाव रहेगा कि राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में इन मुद्दों को भी शामिल करें। रिसोर्स इन्स्टीट्यूट फोर ह्यूमन राइट्स एवं यूनिसेफ आयोजित अभियान के प्रवक्ता विजय गोयल ने बताया कि पिछले महीने राज्य के सभी संभाग मुख्यालयों पर सम्बन्धित जिलों के विभिन्न वर्गों के 976 बच्चों की दो दिवसीय कार्यशालाएं हुई थीं। इनमें बच्चों के मुद्दों, अपेक्षाओं एवं मांगों को चिह्नित किया गया। राज्य की 135 सामाजिक संस्थाओं एवं सम्बन्धित क्षेत्र के मीडिया प्रतिनिधियों से बच्चों के मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। मांगपत्र बनाने से पहले साझा अभियान और बच्चों ने मिलकर पिछले चुनाव के घोषणा पत्र को भी स्कैन किया। इसमें पाया गया कि भाजपा ने बच्चों से जुड़े 31 वादे किए थे, जिनमें से 50 फीसदी पूरे हुए हैं। इनका भी सभी बच्चों को पूरा लाभ नहीं मिला है।
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जयपुर में जुटे बच्चे
– 03 बजे दोपहर को नारायण सिंह सर्कल स्थित तोतुका सभागार में होगा कार्यक्रम
– 200 बच्चों से अधिक शामिल होंगे राज्यभर से इस कार्यक्रम में
– 43 प्रतिशत बच्चे हैं वर्तमान में राज्य की कुल जनसंख्या में
– 300 से अधिक नागरिक संगठनों, राजनीतिक दलों एवं मीडिया से जुड़े प्रतिनिधि शामिल होंगे कार्यक्रम में
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ये हैं मुख्य मांगें
– स्कूलों में खेल के मैदान हों, खेल की सामग्री हो।
– शौचालय की सुविधा हो, उनमें पानी हो। कचरापात्र की सुविधा अनिवार्य हो।
– अस्पताल में किशोरियों के लिए अलग से स्थान हो, जहां वे अपनी बीमारी व समस्या बेझिझक बता सकें।
– हर स्कूल में महिला शिक्षक अनिवार्य हो ताकि लड़कियां अपनी बात कह सकें।
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पत्रिका लगातार उठाता रहा है यह मुद्दा
मांगपत्र में अन्य मांगों के साथ बच्चों ने खास जोर खेलों और खेल मैदान पर दिया है। बच्चों का यह मुद्दा पत्रिका लगातार उठाता रहा है। पत्रिका ने ‘कहां खेलें हमÓ शीर्षक से अभियान चलाया उसके बाद जगह-जगह लोग आगे भी आए थे। लोगों ने आपसी सहमति से कहीं खाली भूखंडों की सफाई कर तो कहीं कुछ घंटों के लिए नो वीकल जोन घोषित कर बच्चों को खेलने की सुविधा देना शुरू किया था।
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