दिन भर चली तीखी बहस
इससे पहले दिन भर केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पक्ष विपक्ष में तीखी बहस हुई। राज्य सरकार की ओर से जो बिल पास किया गया है उसमें एक बड़ा प्रावधान यह किया है कि इसमें किसान के उत्पीडऩ पर तीन से सात साल की सजा और पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। करार के बाद भी उपज नहीं खरीदना और तीन दिन में उपज का भुगतान नहीं करना किसान का उत्पीडऩ माना जाएगा। इसके अलावा किसान को सिविल कोर्ट में अपील करने का अधिकार दिया गया है।
केन्द्र का कानून किसान के लिए मौत का सामान: धारीवाल
कृषि बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि केंद ने इन कानून के जरिये किसान की मौत का सामान दे दिया। ये उसे श्मशान तक पहुँचा देगा। केन्द्र सरकार किसान को पूंजीपति के पास बांधना चाहती है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजो ने भी 1941 में किसान को उसकी उपज का पूरा मूल्य दिलाने का काम किया था। जबकि केन्द्र के कानून के अनुसार तो उसे मजदूर बना रहे है। धारीवाल ने कहा कि मंडी तो इन बड़ी कंपनियों के सामने टिक नहीं पाएगी। धारीवाल ने कहा कि मंडी ख़त्म करने के लिए मोदी सरकार ने यह षड्यंत्र किया है। धारीवाल ने कहा कि केंद्रीय कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य का उल्लेख ही नही है ये कर देते तो हमें कानून बनाने की जरूरत ही नही पड़ती।
इससे पहले दिन भर केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पक्ष विपक्ष में तीखी बहस हुई। राज्य सरकार की ओर से जो बिल पास किया गया है उसमें एक बड़ा प्रावधान यह किया है कि इसमें किसान के उत्पीडऩ पर तीन से सात साल की सजा और पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। करार के बाद भी उपज नहीं खरीदना और तीन दिन में उपज का भुगतान नहीं करना किसान का उत्पीडऩ माना जाएगा। इसके अलावा किसान को सिविल कोर्ट में अपील करने का अधिकार दिया गया है।
केन्द्र का कानून किसान के लिए मौत का सामान: धारीवाल
कृषि बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि केंद ने इन कानून के जरिये किसान की मौत का सामान दे दिया। ये उसे श्मशान तक पहुँचा देगा। केन्द्र सरकार किसान को पूंजीपति के पास बांधना चाहती है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजो ने भी 1941 में किसान को उसकी उपज का पूरा मूल्य दिलाने का काम किया था। जबकि केन्द्र के कानून के अनुसार तो उसे मजदूर बना रहे है। धारीवाल ने कहा कि मंडी तो इन बड़ी कंपनियों के सामने टिक नहीं पाएगी। धारीवाल ने कहा कि मंडी ख़त्म करने के लिए मोदी सरकार ने यह षड्यंत्र किया है। धारीवाल ने कहा कि केंद्रीय कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य का उल्लेख ही नही है ये कर देते तो हमें कानून बनाने की जरूरत ही नही पड़ती।
ये बिल हुए पारित
-कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण) राजस्थान संशोधन विधेयक 2020
-कृषक सशक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार राजस्थान संशोधन बिल 2020
-आवश्यक वस्तु विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन विधेयक 2020
-सिविल प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन बिल 2020
-कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण) राजस्थान संशोधन विधेयक 2020
-कृषक सशक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार राजस्थान संशोधन बिल 2020
-आवश्यक वस्तु विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन विधेयक 2020
-सिविल प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन बिल 2020