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Lemon prices: नींबू के दाम हुए आधे, नई पैदावार आनी शुरू

locationजयपुरPublished: May 07, 2022 10:54:28 am

अभी कुछ दिन पहले ही नींबू खुदरा मंडियों में 400 रुपए किलो तब बिकता था, लेकिन अब यह फिर से पुराने लेवल पर लौटता दिख रहा है। हालांकि नींबू ( lemon price ) के दाम अभी भी बहुत ज्यादा है, लेकिन प्रतिदिन इसके भावों में नरमी का रूख बना हुआ है।

Lemon prices: नींबू के दाम हुए आधे, नई पैदावार आनी शुरू

Lemon prices: नींबू के दाम हुए आधे, नई पैदावार आनी शुरू

अभी कुछ दिन पहले ही नींबू खुदरा मंडियों में 400 रुपए किलो तब बिकता था, लेकिन अब यह फिर से पुराने लेवल पर लौटता दिख रहा है। हालांकि नींबू के दाम अभी भी बहुत ज्यादा है, लेकिन प्रतिदिन इसके भावों में नरमी का रूख बना हुआ है। बताया जाता है कि मंडी में नींबू की अधिक गाड़ियां पहुंचने लगी हैं। जैसे ही कर्नाटक के बीजापुर में बारिश शुरू होगी, इसके दाम और घटेंगे। जयपुर में पिछले दिनों जो नींबू थोक दाम 300 रुपए किलो तक पहुंच गए थे, वह अब घटकर 80 से 100 रुपए किलो तक आ गए है। फल व सब्जी थोक विक्रेता संघ (टर्मिनल मार्केट) के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि अब मंडी में रोज नींबू पहुंच रहा है। अब नींबू का दाम आधे से भी कम हो गया है। नींबू के भाव में आई कमी का बड़ा कारण मंडी में नई पैदावार की आवक का बढ़ना है। मुहाना मंडी में महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, मद्रास राज्यों से बड़ी मात्रा में नींबू की खेंप पहुंचनी शुरू हो गई है।
अब नहीं तेजी, और घटेंगे दाम
महाराष्ट्र के अकोला, तेलंगाना के श्रीकोंडा, गुजरात के सूरत और मद्रास में चेन्नई से मंडी में नींबू की आवक हो रही है। अब लगातार नींबू के दामों में गिरावट आ रही है। इसी माह नींबू के दाम आम लोगों के लिए सामान्य हो जाएंगे। 15 से 20 दिन बाद मध्यप्रदेश के रतलाम से भी नींबू आना शुरू हो जाएगा।
इस साल अच्छी फसल
नींबू की फसल को पानी चाहिए। तभी उसमें रस बढ़ता है। अब बारिश होगी, तो नींबू की फसल अच्छी होगी। दाम भी घटेगा। तंवर ने बताया कि अभी थोक दाम में मोटा नींबू 100 रुपए किलो बिक रहा है। ये अच्छी क्वालिटी का नींबू है। वहीं मीडियम नींबू 60 से 80 रुपए किलो बिक रहा है।
क्यों बढ़े थे नींबू के दाम
महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मद्रास समेत देश के कई राज्यों में बेमौसम बारिश से पिछले दिनों नींबू की फसलों को बड़ा नुकसान हुआ। राजस्थान में नींबू की स्थानीय पैदावार गर्मी में नहीं हुई, जिससे मंडियों में आस-पास के क्षेत्रों से नींबू की आवक नहीं हुई। तेज गर्मी पड़ने से घरों में खपत बढ़ने, नवरात्र, रमजान के पर्व और शादी-सावों के मौसम में नींबू की डिमांड में बढ़ोतरी होने से दामों में बढ़ोतरी होती चली गई। नींबू से बनी ड्रिंक्स बनाने वाली फैक्ट्रियों में बढ़ी डिमांड और खेतों-मंडियों से सीधे सप्लाई होने, डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के कारण किराया-भाड़ा बढ़ने से भी दामों में उछाल आया। इसके अलावा कम सप्लाई और बढ़ी डिमांड देखकर व्यापारियों ने भी स्टॉक करके मुनाफाखोरी की और मनमाने दाम वसूले।

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