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कुछ नुकसान है नींबू पानी पीने के

locationजयपुरPublished: Feb 14, 2020 02:03:28 pm

Submitted by:

Archana Kumawat

नींबू पानी पीने का सबसे बड़ा नुकसान दांतों को झेलना पड़ता है। इसलिए प्रयोग सोच-समझ कर करें

त्वचा पर छाले
कुछ शोध यह भी साबित कर चुके हैं कि नींबू का रस स्किन पर लगाने के बाद सूरज की रोशनी में निकलने से सनबर्न हो सकता है, जिससे छाले हो सकते हैं या फिर काले धब्बे त्वचा पर पड़ सकते हैं। इस स्थिति को फाइटोफोटो डर्माटाइटिस कहा जाता है। नींबू के रस में सोरालेंस नाम का एक रसायन पाया जाता है, जिसकी वजह से ऐसा होता है।

टूथ इनेमल नष्ट
म हिलाओं से जुड़े एक शोध में पाया गया कि नींबू के रस या नींबू पानी का बहुत अधिक इस्तेमाल करने से इनेमल कम होता है और दांत भी अतिसंवेदनशील होने लगते हैं। वहीं ब्राजील में हुए एक शोध में भी यही बात सामने आई है। नींबू का रस दांतों को ठीक उसी तरह से नुकसान पहुंचाता है, जिस तरह से सॉफ्ट ड्रिंक्स पहुंचाते हैं। ऐसा इनकी एसिडिक नेचर के कारण होता है। ऐसे में अगर आप नींबू पानी के शौकीन हैं तो इसे पीने के तुरंत बाद ब्रश करें। बेहतर परिणाम से फ्लॉस का भी इस्तेमाल करें। आप चाहें तो नींबू पानी हमेशा स्ट्रॉ से पीएं, इससे नींबू की अम्लता दांतों को सीधे तौर पर नुकसान नहीं पहुंचाएगी।

माइग्रेन की समस्या बढ़ जाती है
कुछ शोध में यह भी साबित हुआ है कि नींबू व अन्य सिट्रस फ्रूट्स माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। अगर किसी को नींबू से एलर्जी है तो इस फ्रूट के सेवन से माइग्रेन बढ़ सकता है। सभी सिट्रस फ्रूट्स में टायरामाइन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। टायरामाइन ही माइग्रेन को बढ़ा सकता है। कुछ जापानी शोध भी यह साबित कर चुके हैं कि कुछ दवाओं के साथ नींबू का रस लेने से दवा के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इससे माइग्रेन की दवा ले रहे हों तो उसके साथ नींबू पानी तो कतई नहीं लेना चाहिए।

बढ़ जाता है यूरीनेशन
मा ना जाता है कि गर्म पानी के साथ नींबू का रस लेने से यह डाइयूरेटिक की तरह से कार्य करता है। जरूरत से ज्यादा यूरीनेशन आपको डीहाइड्रेट कर सकता है। ज्यादा यूरीनेशन से पानी के साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट्स और सोडियम भी शरीर से निकल जाता है। यह भी माना जाता है कि नींबू जैसे एसिडिट फ्रूट्स ब्लैडर को उत्तेजित कर देते हैं। जिससे बार-बार यूरीनेशन की इच्छा होती है। कई बार नींबू पानी से उबकाई भी आती है, ऐसा नींबू में मौजूद विटामिन सी की वजह से होता है क्योंकि शरीर ज्यादा विटामिन सी को शरीर से निकालने के लिए तत्पर रहता है।

सीने में जलन
सि ट्रिक एसिड से सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। एक शोध में पता चला है कि जो व्यक्ति सिट्रिक फल या जूस का सेवन अधिक कर रहे थे, उन्हें सीने में जलन की शिकायत अधिक थी। वहीं मान्यता यह भी है कि नींबू का रस सीने में जलन शांत करता है। इसलिए नींबू पानी का इस्तेमाल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें। यह भी माना गया है कि नींबू पेप्सिन एंजाइम को एक्टीवेट करता है। यह एंजाइम प्रोटीन्स को तोड़ता है। गले और ईसोफेगस में पेप्सिन के एक्टीवेट होने से ही जलन की समस्या होती है।

कैंकर सोर्स की समस्या
कैंकर सोर्स एक तरह से माउथ अल्सर्स होते हैं। ये मुंह के अंदर मसूढ़ों के पास होते हैं और इनमें काफी दर्द होता है। ये सफेद रंग के होते हैं। कुछ शोध से पता चला है कि सिट्रिक एसिड माउथ अल्सर्स को बढ़ावा देता है। नींबू और खट्टे फलों में सिट्रिक एसिड ही पाया जाता है। हालांकि इस बारे में अभी तक यह नहीं पता लगाया जा सका है कि ऐसा होता क्यों है। नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड छालों में दर्द और इनकी संख्या को बढ़ाता है। इसलिए अगर आपके कैंकर सोर्स हो रहे हैं तो नींबू या किसी भी खट्टे फल का इस्तेमाल न करें। इनके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार करें।

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