स्काईमेट वेदर उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि कई दिनों से बारिश नहीं हुई है। नमी कम हो गई है। ऐसे में तपिश बढ़ गई है। 11 जून से आंधी के साथ बारिश की उम्मीद है। इससे लोगों को राहत मिलने की संभावना है। इसे प्री मानसून की बारिश कहा जाएगा। पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति कमजोर है। ऐसे में लू जारी रहेगी। प्री मानसून के बाद ही कुछ राहत मिलेगी।
11 जून के बाद होने वाली प्री-मानसून और मानसून के शुरूआती दौर की बारिश कोटा संभाग में अच्छी हो सकती है। कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी के अलावा सवाई माधोपुर, जयपुर, दौसा, भरतपुर, अलवर, करौली, धौलपुर में मौसम विभाग ने अच्छी बारिश का अनुमान लगाया है। ऐसे में खरीफ फसलों को फायदा होगा।
नौतपा बीत गया लेकिन गर्मी के तेवर बरकरार हैं। राजस्थान में जून के महीने में अधिकांश दिन तापमान सामान्य से अधिक है। जयपुर में जून के महीने का औसत तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। कोटा में 41 के बीच, उदयपुर में 38, जाेधपुर में 40, चूरू, बीकानेर में 42 और बाड़मेर में 41 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है।
महेश पालावत ने बताया कि प्री मानसनू में गरज चमक के साथ बारिश होती है। यह बारिश आमतौर पर दोपहर और शाम को होती है। धूल उड़ती है और बारिश छिटपुट होती है। अप्रैल और मई के महीने में यह सक्रियता ज्यादा होती है। जून के बाद धीरे धूलभरी आंधी कम हो जाती है। वहीं मानसून में बारिश देर तक होती है और बड़े हिस्से को कवर करती है। इसमें धूल नहीं उड़ती। यह बारिश देश के उत्तरी हिस्से में पहले आती है और पहले ही चली जाती है। इसके कारण ही वातावरण में नमी बढ़ जाती है और गर्मी बेहद ही चिपचिपी हो जाती है। प्री मानसून में बादल ऊपर की ओर चले जाते हैं और शाम को बरसते है। मानसून में बाद एक से दूसरी जगह लंबी दूरी तय करते हैं।