लाॅकडाउन से पहले ज्यादातर पुरुष क्लीन शेव होकर ऑफिस जाते थे। कई दफ्तरों में यह अनिवार्य भी है लेकिन ‘वर्क फ्रोम होम’ में मिली शेव न कराने की आजादी से कई नौकरीपेशा खुश हैं। घर पर ही टी-शर्ट और लोअर में बैठकर काम करना उन्हें पसंद आ रहा है। वहीं महिलाओं को ऑफिस जाते हुए ‘आज क्या पहनूं’? के सवाल से परेशान नहीं होना पड़ रहा। मानती हैं कि शुरू-शुरू में लगता था कि आइब्रो, वैक्स करानी है पार्लर जाना है, अब सोचती हैं कि कौन देख रहा है? वहीं कई महिला और पुरुष जो कि समय-समय पर बालों को डाई किया करते थे अब अपने ऑरिजनल बालों से ही खुश हैं।
लाॅकडाउन में कई नौकरीपेशा युवक और युवतियां, जो दूसरे राज्यों में काम कर रहे थे, अब घर लौट आए हैं। मां के हाथ का या घर पर बना खाना खा रहे हैं। वे स्वीकारते हैं कि अकेले रहने पर ‘जंकफूड’ या ‘रेडी टू कुक फूड’ ज्यादा खाते थे जिससे वजन बढ़ता था और सेहत संबंधी समस्याएं भी होती थीं लेकिन जब से घर पर हेल्दी फूड खा रहे हैं, वजन कम हुआ है। वहीं कइयों ने घर पर ही रहने की वजह से अपनी बुरी आदतों पर काबू पाना सीख लिया है।
काॅफी कन्वर्सेशन वीडियो काॅलिंग में बदली
ऑफिस की कैंटीन में बैठकर कलीग के साथ काम और घर-परिवार की जो बातचीत होती थी वह अब वीडियो काॅलिंग में बदल गई है। ऑफिस मीटिंग्स अब डिजिटल कन्वर्सेशन का हिस्सा बन गईं हैं। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग एप से काम का एजेंडा डिस्कस हो रहा है और इस दौरान चल रही मीटिंग में लोगों के हाथों में काॅफी तो होती है लेकिन उनकी खुद की या घरवालों की बनाई हुई। अगर घर में पति और पत्नी दोनों वर्किंग हैं तो ऑफिस की वीडियो काॅल के लिए दोनों ने एक शांत और खूबसूरत कोना चुन लिया है ताकि वर्चुअल मीटिंग के दौरान वहां बच्चे या अनचाहा शोर न आए। फिर बारी-बारी से दोनों घर के उसी काॅर्नर या हिस्से पर बैठकर ही वीडियो काॅल यी मीटिंग अटैंड करते हैं।