
भारतीय संस्कृति की ऐसा चढ़ा रंग, यूएस में लाखों रुपए की नौकरी छोड़ हासिल कर ली भारतीय नागरिकता
जयपुर।
नौकरी- बिजनेस और पैसे कमाने के लिए भारत से यूएस जाकर बस जाने वाले लोग तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन यह मामला बिल्कुल उलट है। यूएस के सेथ डे हिग्गिकर्ण ने लाखों रुपए की नौकरी और अपने देश की नागरिकता सिर्फ इसीलिए छोड़ दी क्योंकि उन्हें भारतीय संस्कृति ( indian culture ) पसंद है। सेथ डे ने ध्यान, योग और भक्ति के लिए भारत को अपनाया है। मंगलवार को जिला कलक्ट्रेट में उन्हें भारतीय नागरिता ( indian citizenship ) प्रमाण पत्र सौंपा गया।
17 साल से वह संन्यासी बनकर भक्ति, योग और साधना कर रहे हैं। हिन्दी के साथ संस्कृत का ज्ञान भी ले लिया है। सेथ डे को अब मयूर नाथ स्वामी के नाम जाना जाता है। उन्होंने दो साल पहले उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था। सेथ डे हिग्गिकर्ण पेशे से सीए थे, जिसने 2002 तक नामी कंपनियों में काम किया। उसकी आय सालाना 40 लाख रुपए थी। सेथ डे 2002 में तीन हफ्ते के लिए भारत आया, जहां तमिलनाड़ु में गुरु के साथ योग, साधना सीखना शुरू किया। उन्होंने दो साल दिल्ली संस्कृत संस्थान में पढ़ाई भी की।
पिछले साल यह आया था मामला ( received Indian citizenship )
श्याम नगर जनपथ निवासी दयाल सिंह नैनावती नौकरी के सिलसिले में वर्षों पहले कैन्या गए थे। कैन्या में 33 साल रहने के बाद नैनावती 13 साल पहले जयपुर लौट आए। जयपुर लौटने के बाद उन्होंने भारतीय नागरिकता ( indian citizenship case in rajasthan ) के लिए आवेदन किया। वरिष्ठ नागरिक दयाल सिंह को पिछले साल नागरिकता दी गई।
इनका कहना है...
यूएस के सेथ डे हिग्गिकर्ण को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया गया है। देश के नागरिक में साधना, भक्ति और योग के लिए देश को चुना है। इन्हें संस्कृत का भी ज्ञान है। इसे देखते हुए उन्हें नागरिकता दी गई है।
धारा सिंह मीणा, एडीएम दक्षिण जयपुर कलक्ट्रेट
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Published on:
24 Jul 2019 07:00 am
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