टीमों ने 126 दुकानों पर एम.आर.पी. दर परीक्षण किया गया जिसमें 28 दुकानों पर सही दर पाई गयी। जयपुर शहर क्षेत्र में 12 दुकानों पर एम.आर.पी. दर ( Wine MRP ) परीक्षण किया गया, जिसमें 9 दुकानों पर सही दर पाई गयी।
शासन सचिव, वित्त (राजस्व) ने बताया कि मदिरा की दुकानों द्वारा निर्धारित एमआरपी से अधिक की राशि शराब उपभोक्ताओं/क्रेताओं से लिये जाने की शिकायतें प्राप्त होने के क्रम में आबकारी विभाग द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। ओवररेट के प्रकरण को राज्य सरकार के स्तर से गम्भीरता से लिया जाता है एवं इस बाबत मुख्यमंत्री द्वारा भी समय-समय पर कार्यवाही करने के सख्त निर्देश जारी किये गये हैं।
इस तरह विभाग कर रहा काम डॉ0 पृथ्वी ने बताया कि उपरोक्त टीम के लिए राज्य सरकार के स्तर से आवश्यक आदेश जारी किये गए हैं, इन टीमों में 2 आरएएस अधिकारी, लेखा सेवा एवं वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया। इन अधिकारियों को आवश्यक चैक लिस्ट, पॉपुलर ब्राण्ड की लिस्ट एवं संबंधित ब्राण्ड्स की एमआरपी की लिस्ट और क्षेत्र की शराब दुकानों की सूची प्रदान की गई।
बोगस ग्राहकों के माध्यम से हो रहे मामले उजागर ( excise department team ) उन्होंने बताया कि उपरोक्त टीमों को शराब दुकानों पर बोगस ग्राहकों के माध्यम से एमआरपी से अधिक दर वसूलने की स्थिति का पता लगाने के निर्देश दिए गए, जिसमें आबकारी विभाग ( Excise Department ) के अलावा अन्य राजस्व विभागों के अधिकारियों को इन टीमों में शामिल किया गया। उक्त गठित टीमों द्वारा मदिरा की दुकानों पर जाकर एमआरपी से अधिक की राशि वसूलने की वस्तुस्थिति का पता लगाया गया और एमआरपी से अधिक दर लिये जाने के प्रकरण होने से इनकी शिकायत संबंधित जिला आबकारी अधिकारी को दर्ज कराई गयी।
यहां हुए मामले दर्ज डॉ0 पृथ्वी ने बताया कि अलवर में एमआरपी से अधिक राशि वसूलने के 2 प्रकरण, टोंक में 7, भरतपुर में 25, भीलवाड़ा में 12, जयपुर शहर में 3, जयपुर ग्रामीण में 36 तथा सीकर में 13 प्रकरण दर्ज किए गए।
लापरवाही बरतने पर अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई ( jaipur crime news ) संबंधित जिला आबकारी अधिकारियों द्वारा उपरोक्त के संदर्भ में अनुज्ञाधारियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये तथा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है एवं ओवररेट से प्रभावित वृत्तो के आबकारी निरीक्षकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के ऑकस्मिक अभियान जारी रखे जायेंगें एवं एमआरपी के प्रकरणों में सख्त कार्यवाही की जायेगी एवं भविष्य में ओवररेट के प्रकरण होने की स्थति में संबंधित जिला आबकारी अधिकारियों एवं अतिरिक्त आबकारी आयुक्तों के विरूद्ध भी विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। ( प्रतीकात्मक तस्वीर )