राजधानी जयपुर में ही 16 से अधिक शराब दुकानों के सामने जनता रोज विरोध दर्ज करा रही है, लेकिन अब तक मात्र तीन दुकानों को बंद करने पर सहमति बन सकी है।
घर के बगल में शराब बिक्री का विरोध पुरुष ही नहीं महिला, बच्चे और युवतियां भी कर रही हैं, लेकिन जिला कलक्टर सिद्धार्थ महाजन व जिला आबकारी अधिकारी राजेश वर्मा चुप्पी साधे हैं। बताया जा रहा है कि अभी सिर्फ गिरधारीपुरा की दुकान की जगह बदलने के आदेश जारी किए गए हैं।
इसके अलावा कटेवा नगर और आदर्श नगर में फ्रंटीयर कॉलोनी की दुकानों की जगह जनता नहीं दो बड़े नेताओं के दवाब में बदलने पर सहमति बनी है। इसके अलावा गांधी पथ वैशाली नगर और निवारू रोड की दुकानों को लेकर मंथन चल रहा है। इसके अलावा अन्य किसी दुकान की जगह बदलने से आबकारी विभाग और जिला कलक्टर ने साफ इनकार दिया है। दो दिन पहले कलक्टर महाजन ने आबकारी विभाग के अधिकारियों की बैठक ली थी, लेकिन अन्य दुकानों के जनविरोध को नकार दिया गया। जबकि इन स्थानों पर भी कई दिनों से क्षेत्रीय जनता विरोध कर रही है। लोगों में भारी आक्रोश है।
यहां हो रहा भारी विरोध
विद्याधर नगर में मंदिर मोड़, नाहरी का नाका में सिंधु नगर, दादी का फाटक, नेहरू बाजार, मानसरोवर मध्यम मार्ग, ब्राह्मण की थड़ी, न्यू कॉलोनी पांचबत्ती, बड़ोदिया बस्ती कबीर मार्ग, पार्वती नगर टी.एन. मिश्रा मार्ग, नगर निगम कार्यालय के सामने और जमवारामगढ़ रोड नाई की थड़ी सहित अन्य कई स्थानों पर विरोध है।
तीन दुकानों पर स्थगन आदेश
अब तक जेडीए और नगर निगम के अधिकारियों पर ही अतिक्रमण कराने के बाद अतिक्रमियों को न्यायालय से स्थगन आदेश लेने का रास्ता बताने के आरोप लगते आए हैं, लेकिन अबकी बार इस तरह के मामले आबकारी विभाग में देखने को मिल रहे हैं।
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पहले बड़ोदिया बस्ती कबीर मार्ग, पार्वती नगर और नगर निगम के सामने शराब दुकानें खुली और जनता विरोध में उतरी से न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिए। ऐसे में आबकारी विभाग के अधिकारियों को जनता के विरोध को कुचलने का रास्ता मिल गया है।