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नए साल में नाइट कर्फ्यू के बाद भी इतने करोड़ की शराब पी गए शौकीन

locationजयपुरPublished: Jan 04, 2021 12:43:26 pm

Submitted by:

JAYANT SHARMA

31 दिसंबर 2019 की रात तक पूरे प्रदेश में 1 अरब 4 करोड़ की शराब बिकी थी। उस समय आयोजन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं थी। उस समय तो आबकारी विभाग ने होटल, रेस्टोरेंट और क्लबों में पार्टियां में शराब परोसने के लिए अस्थाई लाइसेंस भी जारी किए थे, जिससे भी विभाग को आय हुई थी।

जयपुर
कोरोना #Corona-update महामारी के चलते सरकार ने 31 दिसम्बर को नए साल के जश्न से पहले #Night-curfew नाइट कर्फ्यू लगाया, भारी #Police-force पुलिस फोर्स रात शाम छह बजे से सवेरे छह बजे तक सड़कों पर डटी रहीं। एक भी #Hotel होटल में पार्टी नहीं हुई लेकिन उसके बाद भी पुलिस शौकीन लोगों को जाम #Liquor-intake छलकाने से नहीं रोक सकी। राजस्थान में नए साल के स्वागत के करने के चक्कर में लोग 70 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की शराब पी गए। इसके बाद भी आबकारी विभाग इससे खुश नहीं है। अफसरों का कहना है कि कोरोना और अन्य कारणों के चलते पहले ही राजस्व गिर रहा है और इस साल नए साल से जो उम्मीद थी वह भी धूमिल हो गई। पिछले साल इस साल से करीब दो गुनी शराब नए साल पर बिकी थी।
35 फीसदी तक घटी शराब की बिक्री
इस बार भले ही होटल-रेस्टोरेंट में पार्टियां और जश्न नहीं हुआ हो लेकिन रोक और पाबंदी के बाद भी जाम झलके हालांकि पिछले साल की तुलना में न्यू ईयर पर 35 प्रतिशत शराब की बिक्री कम होने से आबकारी विभाग को कम आय हुई। तमाम होटल, रेस्टोरेंट, फार्म हाउस पर पार्टियां करने पर रोक के बाद भी 31 दिसंबर को शराब की बिक्री हुई। पूरे राजस्थान में इस बार लगभग 71 करोड़ रुपये की शराब एक दिन में बिकी, जिसमें 9.90 करोड़ की बीयर, 55.93 करोड़ की अंग्रेजी शराब और 3.97 करोड़ की विदेशी आयातित शराब की बिक्री हुई।
जयपुर में 14 करोड़ 53 लाख रुपये की बिकी शराब
अकेले जयपुर में 14 करोड़ 53 लाख रुपये के शराब के जाम छलके हालांकि ये पिछले साल 31 दिसंबर 2019 की तुलना में 30 फीसदी कम हैं। जबकि साल 2018 की तुलना में 7 फीसदी ज्यादा। 31 दिसंबर 2019 की रात तक पूरे प्रदेश में 1 अरब 4 करोड़ की शराब बिकी थी। उस समय आयोजन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं थी। उस समय तो आबकारी विभाग ने होटल, रेस्टोरेंट और क्लबों में पार्टियां में शराब परोसने के लिए अस्थाई लाइसेंस भी जारी किए थे, जिससे भी विभाग को आय हुई थी। आबकारी विभाग के अफसरों के अनुसार इस फाइनेंशियल इयर में आबकारी विभाग ने जो टारगेट तय किए थे वे करीब साठ फीसदी तक ही पूरे हो सके हैं।
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