scriptसीधा प्रसारण होने दो, तमाशा करने वाले भी सुधर जाएंगे | live streaming would be helpful for improvement of system | Patrika News

सीधा प्रसारण होने दो, तमाशा करने वाले भी सुधर जाएंगे

locationजयपुरPublished: Sep 30, 2018 12:31:49 am

Submitted by:

Shailendra Agarwal

सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश सीकरी ने मूट कोर्ट का किया शुभारम्भ

supreme court verdict on hanging

supreme court verdict on hanging

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश ए के सीकरी ने राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग के जल्द सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बनने का संकेत दिया है, वहीं अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण को लेकर कहा कि इससे पारदर्शिता के साथ शुरुआत में तमाशा करने वालों को मौका मिलेगा लेकिन वे भी सुधर जाएंगे।
न्यायाधीश सीकरी ने शनिवार को यहां मणिपाल विश्वविद्यालय और रांका पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित राष्ट्रीय स्तर की मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारम्भ करने के बाद राजस्थान पत्रिका से बात की। इससे पहले हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग की मौजूदगी में उन्होंने वकालत के पेशे में आए बदलाव को लेकर कहा कि आज ‘लॉजÓ के साथ ‘इन लॉजÓ की भी बात होती है। मुकदमा निस्तारण की वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर ए डी आर को ‘अलार्मिंग ड्रॉप रेवेन्यूÓ मान लिया जाता है, लेकिन हकीकत यह है इससे न्याय की आत्मा जिंदा रहती है। समझौते से मामला तय होने से किसी को रेवेन्यू का नुकसान नहीं होता।
लर्निंग बिना अर्निंग संभव नहीं-नंद्राजोग
इस मौके पर हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग ने कहा कि बिना सीखे कमाई नहीं हो सकती, इसलिए युवाओं को सीखने की आदत पर जोर देना चाहिए। अधिकार व विशेषाधिकार में संतुलन की जरुरत बताते हुए कहा कि इसमें ज्ञान का उपयोग हो। उन्होंने फैसलों को न्याय के मंदिर के लिए स्मारक की तरह बताया। उन्होंने स्वास्थ्य के अधिकार का जिक्र करते हुए कहा कि इसे पूरा करना सरकारों का दायित्व है। पहले नजरिया अलग था, लेकिन अब नए नजरिए से सोचने की जरूरत है। लोगों के हर मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की प्रथा पर भी सवाल उठाया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय प्रबंधन के चैयरमेन व अन्य प्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिवक्ता एन एम रांका, पूर्व न्यायाधीश जे के रांका व रांका चेरिटेबल ट्रस्ट से जुडे सिद्धार्थ रांका, अखिल भारतीय कर सलाहकार एसोसिएशन के अशोक सर्राफ भी मौजूद थे।
76 टीम ले रही भाग
मूट कोर्ट में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सहित देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के विधि छात्र-छात्राओं की 76 टीम भाग ले रही है।
————————————————–
कार्यक्रम के बाद न्यायाधीश सीकरी ने अदालतों से जुड़े ताजा मुद्दों पर राजस्थान पत्रिका से खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण के फायदा—नुकसान को लेकर कहा कि अब भी खुली सुनवाई होती है, लेकिन अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण का फायदा होगा। हालांकि इसके नुकसान भी हैं। परन्तु लोग जानना चाहते हैं, उनको पता लगना चाहिए कि कोर्ट में क्या हो रहा है? संसद की कार्यवाही का भी सीधा प्रसारण होता है। लोग कहते हैं उनका बोला सुना नहीं, लिखा नहीं। अब पारदर्शिता आएगी। इसके विपरीत कुछ वकील और पक्षकार तमाशा करना चाहते हैं, उनको भी मौका मिलेगा। परन्तु समय के साथ यह ठीक हो जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो