छात्राओं ने कहा – ऋतिका मीणा, सोडाला : मैं सोडाला से कॉलेज आती हूं। लो-फ्लोर से समय पर कॉलेज पहुंच जाती थी लेकिन अभी निजी वाहन या कैब से आना पड़ रहा है।
– राजेश चौधरी, रामबाग : कई दिन से मिनी बसों में सफर करने को मजबूर हो रहे हैं। परेशान हो गए हैं। सरकार को हड़ताल खत्म करानी चाहिए।
कर्मचारी आज बांधेंगे काली पट्टी
दूसरी ओर, जेसीटीएसएल कर्मियों का आरोप है कि उनकी २४ सूत्री मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। गांधी जयंती पर मंगलवार सुबह ९.३० बजे जेएलएन मार्ग स्थित गांधी सर्किल पर सरकार के इस रवैये के खिलाफ आंख-कान-मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेंगे।
पत्रिका तत्काल : निजी वाहनों में लुट रही जेब राजस्थान पत्रिका ने पड़ताल की तो छात्र-छात्राओं और कामकाजी लोगों ही नहीं बल्कि महिलाओं-बुजुर्गों ने भी सरकारी सिटी बसों को शहर में आवागमन का बेहतर साधन बताया। लोगों ने कहा, निजी वाहनों या मिनी बसों में आना-जाना बहुत महंगा पड़ता है, समय भी अधिक लगता है। जबकि सिटी बसें बेहतर और आरामदायक हैं।
थोड़े किराए में लम्बा सफर
बस रूट संख्या-3 : सांगानेर से महारानी कॉलेज
किराया सामान्य : 14 रुपए स्टूडेंट किराया : 7 रुपए
दोपहिया से खर्च : 50 रुपए कैब, टैक्सी का किराया : 185 से 215 रुपए
—————————— बस रूट संख्या-7 : ट्रांसपोर्टनगर से खिरणी फाटक
दूरी : 21 किलोमीटर
स्टूडेंट किराया : 7 रुपए दोपहिया से खर्च : 100 रुपए
कैब, टैक्सी का किराया : 250 से 300 रुपए ——————————
बस रूट संख्या-9 ए : अग्रवाल फार्म से दादी का फाटक
किराया सामान्य : 23 रुपए स्टूडेंट किराया : 10 रुपए
दोपहिया से खर्च : 110 रुपए कैब, टैक्सी का किराया : 300 से 350 रुपए
—————————— बस रूट संख्या-14 : चौमू पुलिया से बस्सी
दूरी : 46 किलोमीटर
स्टूडेंट किराया : 17 रुपए दोपहिया से खर्च : 150 रुपए
कैब, टैक्सी का किराया : 500 से 550 रुपए (महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए 30 प्रतिशत छूट, 70 वर्ष से ज्याद उम्र वालों व नि:शक्तजन के लिए नि:शुल्क)