यह है पूरा केस... आईडी हैक कर ली, अब मांग रहे रुपए
बजाज नगर क्षेत्र में रहने वाली पीडिता खुशबु वर्मा ने निजी काम के लिए पिछले साल की शुरुआत में लोन एप से 18 हजार रुपए का लोन नौ महीने में ब्याज समेत चुकाने के लिए लिया था। नौ महीने में लोन चुकाने के बाद कंपनी ने नो ड्यूज भी दे दिया था। लेकिन उसके दो महीने के बाद ही कंपनी से फिर रिकवरी वालों के फोन आने लगे। उन्होनें कहा कि आपने लोन नहीं चुकाया, जल्द चुका दो। खुशबु ने कहा कि उसने लोन चुका दिया उसके पास नो ड्यूज भी है। इस पर कंपनी ने कहा कि उसके नाम से तीन अलग अलग खातों में रुपए डाले गए हैं और जल्द ही नहीं दिए तो इसका अंजाम भुगतना होगा। धमकी भरे फोन लगातार बढ़ते गए तो खुशबु थाने पहुंची। पहले तो पुलिस ने भगा दिया बाद में कोर्ट की दखल के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। खुशबु ने पुलिस को बताया कि कंपनी के पास से ही फोन आया था और लोन देने के कई फायदे गिनाए गए थे। लेकिन अब परेशान बढ़ती जा रही है।
बजाज नगर क्षेत्र में रहने वाली पीडिता खुशबु वर्मा ने निजी काम के लिए पिछले साल की शुरुआत में लोन एप से 18 हजार रुपए का लोन नौ महीने में ब्याज समेत चुकाने के लिए लिया था। नौ महीने में लोन चुकाने के बाद कंपनी ने नो ड्यूज भी दे दिया था। लेकिन उसके दो महीने के बाद ही कंपनी से फिर रिकवरी वालों के फोन आने लगे। उन्होनें कहा कि आपने लोन नहीं चुकाया, जल्द चुका दो। खुशबु ने कहा कि उसने लोन चुका दिया उसके पास नो ड्यूज भी है। इस पर कंपनी ने कहा कि उसके नाम से तीन अलग अलग खातों में रुपए डाले गए हैं और जल्द ही नहीं दिए तो इसका अंजाम भुगतना होगा। धमकी भरे फोन लगातार बढ़ते गए तो खुशबु थाने पहुंची। पहले तो पुलिस ने भगा दिया बाद में कोर्ट की दखल के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। खुशबु ने पुलिस को बताया कि कंपनी के पास से ही फोन आया था और लोन देने के कई फायदे गिनाए गए थे। लेकिन अब परेशान बढ़ती जा रही है।
सिर्फ पांच हजार का लोन लिया था, रिश्तेदारों को धमकाना शुरु कर दिया
अजमेर की रहने वाली युवती जो जयपुर में रहकर पढ़ाई कर रही है। उसने सिर्फ पांच हजार रुपए का लोन लिया था। सात हजार रुपए सात महीने में चुका भी दिए लेकिन उसके बाद भी उसके रिश्तेदार को फोन कर धमकाया गया। उसे भी धमकी दी कि उसके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज को गंदे कामों में यूज लिया जाएगा। वहीं जयपुर के मुहाना में रहने वाले जयेश से भी चंद हजार रुपए के लोन के बदले अश्लील केसेज में फंसाने तक की धमकियां दे दी गई।
अजमेर की रहने वाली युवती जो जयपुर में रहकर पढ़ाई कर रही है। उसने सिर्फ पांच हजार रुपए का लोन लिया था। सात हजार रुपए सात महीने में चुका भी दिए लेकिन उसके बाद भी उसके रिश्तेदार को फोन कर धमकाया गया। उसे भी धमकी दी कि उसके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज को गंदे कामों में यूज लिया जाएगा। वहीं जयपुर के मुहाना में रहने वाले जयेश से भी चंद हजार रुपए के लोन के बदले अश्लील केसेज में फंसाने तक की धमकियां दे दी गई।
40 से भी ज्यादा एप ऐसे जो मिनटों में रुपए दे रहे लेकिन
साइबर एक्सपर्ट विष्णु दास ने बताया कि वर्तमान में चालीस से भी ज्यादा एप ऐसे हैं जो सिर्फ तीन से पांच मिनट में रुपए दे रहे हैं लेकिन इसके बदले वे रिश्तेदारों के नाम पते तक मांग लेते हैं। एक बार जाल में फंसने के बाद तो इनमें से अधिकतर रिश्तेदारों तक को धमकाते हैं। गालियां देना तो इनका जॉब प्रोफाइल है। गुंडई करना आम बात हो चली है। कुछ समय पहले आरबीआई ने इस तरह के दर्जनों ऐप बंद किए थे लेकिन ये फिर से नए नाम से शुरु हो गए। इनमें से कई ने तो बड़ी हस्तियों को ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया है ताकि लोग फंसते चले जाएं। आरबीआई अफसरों का कहना है कि ग्राहकों को कभी भी केवाईसी दस्तावेजों की प्रति बगैर पहचान वाले व्यक्ति, अपुष्ट, अनाधिकृत ऐप को नहीं देना चाहिए और ऑनलाइन शिकायत तुरंत करानी चाहिए।
साइबर एक्सपर्ट विष्णु दास ने बताया कि वर्तमान में चालीस से भी ज्यादा एप ऐसे हैं जो सिर्फ तीन से पांच मिनट में रुपए दे रहे हैं लेकिन इसके बदले वे रिश्तेदारों के नाम पते तक मांग लेते हैं। एक बार जाल में फंसने के बाद तो इनमें से अधिकतर रिश्तेदारों तक को धमकाते हैं। गालियां देना तो इनका जॉब प्रोफाइल है। गुंडई करना आम बात हो चली है। कुछ समय पहले आरबीआई ने इस तरह के दर्जनों ऐप बंद किए थे लेकिन ये फिर से नए नाम से शुरु हो गए। इनमें से कई ने तो बड़ी हस्तियों को ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया है ताकि लोग फंसते चले जाएं। आरबीआई अफसरों का कहना है कि ग्राहकों को कभी भी केवाईसी दस्तावेजों की प्रति बगैर पहचान वाले व्यक्ति, अपुष्ट, अनाधिकृत ऐप को नहीं देना चाहिए और ऑनलाइन शिकायत तुरंत करानी चाहिए।