फाइनेंस कंपनी ने ऐसे बुना ठगी का जाल
दरअसल दादी का फाटक निवासी योगेश कुमार को अपना बिजनिस बढ़ाने के लिए लोन की जरुरत थी। ऐसे में योगेश ने स्वंय एवं परिवार की सम्पत्ति एक बैंक में गिरवी रखी और वहां से करीब साठ लााख रुपए का लोन उठाया। लेकिन इस दौरान योगेश की मुलाकात आशीष शर्मा नाम के एक व्यक्ति से हुई। आशीष ने खुद को लालकोठी स्थित एक बडी फाइनेंस कंपनी में मैनेजर बताया और बैंक से कम ब्याज रेट्स पर ज्यादा लोन देने के बारे मे योगेश कुमार को बताया।
योगेश इसके लिए तैयार हुआ तो आशीष ने बताया कि डेढ़ करोड़ का लोन मिल जाएगा अगर कुछ और सम्पत्ति के कागजात रखे जाते हैं तो। इस पर योगेश ने अपने और परिवार की समपत्ति के साथ ही गांव की जमीन और अन्य जमीनों को भी लोन के लिए आशीष की फर्म में रख दिया। इससे पहले बैंक से मिले लोन को भी नियमानुसार चुका दिया गया। लेकिन उसके बाद आशीष शर्मा और फाइनेंस कंपनी के अन्य लोगों ने करीब अस्सी लाख रुपए ही लोन दिया और डेढ़ करोड़ रुपए का लोन देना बता दिया।
कई बार विवाद हुआ तो योगेश और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दे डाली। साल 2014 से चल रहा यह पूरा मामला अब जाकर साल 2020 और 21 में सामने आया है। पिछले साल और इस साल दो मुकदमें दर्ज कराए गए हैं। हरमाड़ा पुलिस ने दीपक वैद्य, पुष्पेन्द्र वर्मा, आशीष शर्मा समेत दो फाइनेंस कंपनियों पर मुकदमा दर्ज किया है। इनके खिलाफ 420, 406, 467, 468, 471, 384 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। छह साल के दौरान पूरे लेनदेन की जानकारी पुलिस को सौंपी गई हैं। दस्तोवेजों का पूरा ब्यौरा भी दिया गया है