संख्याबल के लिहाज से दो सीटें कांग्रेस और एक सीट भाजपा के खाते में जा सकती है। कांग्रेस की बात करें तो दोनों ही सीटों पर दिल्ली के नेताओं की नजर है और इसके लिए दिल्ली में लॉबिंग भी तेज हो गई है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस दोनों ही सीटों पर स्थानीय नेताओं को मौका देने की पक्षधर है।
डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने बुधवार को इसके संकेत भी दिए थे। माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव के संभावित नामों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में शीघ्र बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें जिन-जिन प्रदेशों में राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं उन प्रदेशों के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाकर उनसे चर्चा की जाएगी।
राजस्थान को लेकर भी 1 या दो मार्च को दिल्ली में बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी शामिल होंगे।
ब्राह्मण-अल्पसंख्यक वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा
जानकारों की माने तो राज्यसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी में ब्राह्मण और अल्पसंख्यक वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा जोरो पर है। हालांकि राज्यसभा में किसे भेजा जाएगा ये तो आलाकमान तय करेगा,लेकिन कांग्रेस हलकों में स्थानीय के साथ ही ब्राह्मण और अल्पसंख्यक वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की मांग उठ रही है।
दिल्ली से इन नेताओं के नाम चर्चा में
वहीं राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के जिन केंद्रीय नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला, गौरव वल्लभ पंत का नाम चर्चा में हैं। इनमें से जितेंद्र सिंह और गौरव वल्लभ पंत राजस्थान से ही हैं तो वहीं रणदीप सिंह सुरजेवाला हरियाणा से हैं। सुरजेवाला और जितेंद्र सिंह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं।
वहीं राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के जिन केंद्रीय नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला, गौरव वल्लभ पंत का नाम चर्चा में हैं। इनमें से जितेंद्र सिंह और गौरव वल्लभ पंत राजस्थान से ही हैं तो वहीं रणदीप सिंह सुरजेवाला हरियाणा से हैं। सुरजेवाला और जितेंद्र सिंह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं।