पूर्ववर्ती सरकार के समय से ही पृथ्वीराज नगर यानि पीआरएन का नियमन अटका हुआ था। जोनल डवलपमेंट प्लान नहीं बनने की वजह से सरकार नियमन नहीं कर पा रही थी। अब जेडीए ने सभी जोनल डवलपमेंट प्लान बना चुकी है, ऐसे में सरकार ने जल्द से जल्द नियमन कैम्प लगाने के निर्देश दिए हैं।
पृथ्वीराज नगर लगभग 11 हजार बीघा क्षेत्र में फैला है। अशोक गहलोत की पूर्ववर्ती सरकार के समय इसके नियमन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके बाद भाजपा सरकार और नियमन दरें तय करके नियमन कैम्प लगना शुरू हो गए।
इसी बीच राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि बिना जोनल डवलपमेंट प्लान बनाए कॉलोनियों का नियमन नहीं किया जाए। ऐसे में जेडीए ने पृथ्वीराज नगर क्षेत्र का जोनल डवलपमेंट प्लान बनाया। अब सरकार ने निकाय चुनाव से ठीक पहले नियमन की कवायद की है।
पृथ्वीराज नगर का इलाका झोटवाड़ा और सांगानेर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। झोटवाड़ा में कृषिमंत्री लालचंद कटारिया विधायक हैं। क्षेत्र में पानी और बिजली की समस्या को लेकर कटारिया ने जेडीए में बैठक की। इसके बाद इस दिशा में काम शुरू हो गया है।
वहीं सांगानेर से भाजपा के अशोक लाहोटी विधायक हैं। लेकिन PRN का ज्यादातर हिस्सा झोटवाड़ा में आता है। यहां के लोगों की मांग को देखते हुए ही सरकार ने नियमन की कवायद की है। झोटवाड़ा में 12 और सांगानेर में 22 वार्ड हैं। दूसरा पहलू यह भी है कि जेडीए की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में नियमन के जरिए जेडीए अपना खजाना भरना चाहता है।
— पृथ्वीराज नगर में 249 कॉलोनियों का नियमन बाकी
— इन कॉलोनियों से 30 जून, 2020 तक लिए जाएंगे आवेदन
— जिन कॉलोनियों के नियमन कैम्प लग चुके, उनके 13 हजार पट्टे बाकी
— इन बकाया पट्टों के लिए 31 मार्च, 2020 तक हो सकेगा आवेदन
— पट्टा नहीं लिया तो सरकार जमीन करेगी अवाप्त
— JDA को नियमन से होगी 500 करोड़ की कमाई
बहरहाल पृथ्वीराज नगर के नियमन कैम्प से सरकार की मंशा साफ नजर आ रही है। कैम्प के जरिए लोगों को खुश करके सरकार कांग्रेस के पक्ष में वोट लेने की कवायद में है। अब देखना होगा कि सरकार के इस निर्णय से वोटों पर कितना असर पड़ेगा।